सनातन परंपरा के अनुसार विसर्जित करे पुरानी मूर्तियाँ -डॉ धनंजय गुप्ता

जिसको न निज गौरव तथा निज देश ( धर्म ~ संस्कृत) अभिमान है वह नर नहीं नर पशु निरा और मृतक समान है ??? प्रत्येक भारतीय को प्रत्येक क्षण इन पंक्तियों को स्मरण करते रहना चाहिए।हम अपने आस्था के प्रत्येक मान बिन्दुओं का पूर्ण विश्वास व गौरव के पालन कर रहे है। उसी सम्मान व आस्था के साथ हम अपने आस्था के प्रतीक देवी देवताओ की प्रतिमाओं का विभिन्न पर्व त्योहार में अपने घरो में लाते है, बहुमूल्य पूजन सामग्री से पूजित कर प्राण प्रतीष्ठा करते है सनातन परंपरा के अनुसार विधि-विधान से विसर्जित करने का विधान पूर्वक विसर्जित करने Read More

2025 तक लखनऊ को दिलायेगे pop की मूर्तियों से मुक्ति

सड़कों, डिवाइडरों और पेड़ों के नीचे फेंकी मूर्तियों को मान दिलाने (#मूर्तिमान) एवं पर्यावरण संरक्षण के साथ प्रतिमाओं का विसर्जन (ई-विसर्जन) की बैठक वास्तुविद श्री गणेश ताम्रकार के आवास पर हुई। जिसमे बड़ी संख्या में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों और समाजसेवियों ने 2025 तक लखनऊ से विसर्जन की समस्या के समाधान का संकल्प लिया। बैठक में तय किया गया कि ना चाहते हुए भी लोग खंडित मूर्तियों, देवी – देवताओं के चित्रों को फेंक देते हैं। इससे आस्था का परिहास तो होता ही है पर्यावरण को भी नुकसान होता है।गणेश महोत्सव, दीपावली में प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों के साथ Read More

महापौर ने किया पुरानी/खंडित प्रतिमाओं का सम्मान विसर्जन अभियान की शुरुआत

शहर के महाविद्यालय बप्पा श्री नारायण वोकेशनल पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में खंडित और पुरानी मूर्तियों को निर्धारित केंद्रों पर एकत्र करने के लिए मंगलमान अभियान के तहत जन जागरण अभियान का शुभारंभ किया गया।शहर के विभिन्न क्षेत्रों के सुसज्जित वाहनों को महापौर संयुक्ता भाटिया ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। महापौर ने मंगलमान के संयोजक डॉ रामकुमार को इस बात के लिए धन्यवाद दिया इस प्रकार की जन जागरण के अभियान से लखनऊ मैं स्वच्छता और पवित्रता का नया अध्याय लिखा जाएगा उन्होंने मंगलमान समिति के द्वारा पर्यावरण के मुद्दे पर भी जागरूकता फैलाने का आवाहन किया।महापौर ने कहा कि Read More

पुरानी/खंडित प्रतिमाओं का सम्मान भू विसर्जन अभियान

मान का आग्रह :हम वर्ष भर जिन प्रतिमाओं का पूजन करते हैं, पुरानी या खंडित होने पर विसर्जित करने की जगह इधर – उधर रख देते हैं। दीपावली के अवसर पर धर्म संकट अधिक होता है। इससे देवी देवताओं का अपमान तो होता ही है …हमारी आस्था का उपहास भी होता है। साथ ही हम महत्वपूर्ण धार्मिक कर्म विसर्जन से होने वाले ‘ मंगल ‘ से भी वंचित रहते हैं।पर्यावरण की चिंता :विसर्जन में पर्यावरण की चिंता भी प्रमुख विषय है। प्लास्टर ऑफ पेरिस, जहरीले रसायन, रंग और चीनी मूर्तियों के कारण यह समस्या गंभीर हो गई है।परंतु ‘ मंगलमान Read More

मूर्तिमान से होगी आस्था एवं पर्यावरण की रक्षा और गौ संवर्धन, स्वदेशी, स्वावलंवन को मिलेगा बल

सड़कों, डिवाइडरों और पेड़ों के नीचे फेंकी मूर्तियों को मान दिलाने और पर्यावरण की रक्षा के लिए एक वृहद अभियान का शुभारंभ किया गया। विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों और समाजसेवियों ने मंगलमान अभियान के तहत खण्डित/पुरानी मूर्तियों के ससम्मान विसर्जन को लेकर बैठक की। कृष्णानगर के वास्तु शुभम में हुई बैठक में तय किया गया कि ना चाहते हुए भी लोग खंडित मूर्तियों, देवी – देवताओं के चित्रों को फेंक देते हैं। इससे आस्था का परिहास तो होता ही है पर्यावरण को भी नुकसान होता है।गणेश महोत्सव, दीपावली में प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों के साथ अब चीन में हानिकारक Read More