पुरानी/खण्डित मूर्तियों का मान ( #मूर्तिमान) ( #ई -विसर्जन )

मंगलमान की पहल

मूर्तियों के मान के साथ एनवायर्नमेंटल फ्रेंडली विसर्जन

सड़कों, डिवाइडरों और पेड़ों के नीचे यहां-वहां रखी गयी  मूर्तियों को मान दिलाने और पर्यावरण की रक्षा के लिए जन जागरण एवं जन भागीदारी का एक वृहद अभियान
मूर्तिमान से होगी आस्था एवं पर्यावरण की रक्षा और गौ संवर्धन, स्वदेशी, स्वावलंवन को मिलेगा बल

सामान्यतया यह संज्ञान में आता है कि ना चाहते हुए भी लोग खंडित मूर्तियों, देवी – देवताओं के चित्रों को इधर उधर सड़क पर या फिर किसी पेड़ के नीचे रख देते हैं। इससे आस्था का परिहास तो होता ही है पर्यावरण को भी नुकसान होता है।
गणेश महोत्सव, दीपावली में प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों के साथ अब चीन में हानिकारक पदार्थों से बनीं मूर्तियों का चलन बढ़ गया है। इससे हमारे कलाकारों, मूर्तिकारों, दुकानदारों और देश को आर्थिक नुकसान का भी सामना करना पड़ रहा है।
इस सबको देखते हुए मंगलमान के अंतर्गत एक व्यापक जन जागरण एवं जन भागीदारी का अभियान अस्तित्व में चलाया जा रहा है। 

मंगलमान ध्वजधारको से यह आग्रह है कि अपने वार्ड/मुहल्ले में किसी विशिष्ट मदिर अथवा पार्क का चयन कर एक मूर्ति संग्रह केन्द् बनाये, जहां पुरानी/ खण्डित मूर्तियाँ एकत्रित की जा सके। इस  स्थान का पोस्टर, बैनर, जन सम्पर्क, सोशल मीडिया, वेबसाइट  द्वारा प्रचार कर लोगों से इन्हीं चयनित स्थानों पर खण्डित /पुरानी मूर्ति रखने का आग्रह करे।

एकत्रित मूर्तियों को उपयुक्त स्थान पर ले जाकर पुरे विधि विधान से ई-विसर्जन (एनवायर्नमेंटल फ्रेंडली विसर्जन) करे। अपने द्वारा किये गए कार्यक्रम के फोटो, वीडियो विवरण के साथ मंगलमान को उपलब्ध कराये जिसे पोर्टल और सोशल मीडिया के माध्यम से आगे भी जन जागरण हेतु पहुंचाया जा रहा है।

विसर्जन करने में किसी प्रकार की समस्या होने पर  9415755950 पर सूचित करे। ‘मंगलमान अभियान’ के अन्तर्गत हम आपके क्षेत्र के निर्धारित केंद्र से प्रतिमाओं को सुसज्जित वाहन से ले जाकर पवित्रता और सम्मान के साथ विसर्जित करेंगे।   

इस दिशा में पहले से ही योगदान दे रहे व्यक्तियों एवं संस्थाओं (जैसे नगर निगम, धार्मिक- सामाजिक संगठनों,  NGOs आदि)  के मध्य समन्यवय स्थापित कर अधिक से अधिक लोगो तक इस  मंगलमान सन्देश को पहुचाया जा रहा है जिससे लोग खंडित एवं पुरानी प्रतिमाओं को इधर उधर ना रखे और इन प्रतिमाओं का ससम्मान विसर्जन भी किया जा सके। 

ई-विसर्जन हेतु सहयोग

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Donation Total: ₹1,100.00

इस अभियान का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण भाग है कि लोगों को न केवल गाय के गोबर, मिट्टी, धातु और टिश्यू पेपर से बनी मूर्तियों के प्रयोग के लिए प्रेरित किया जाएगा।
बल्कि विभिन्न स्थानों पर और पोर्टल के माध्यम से अनुकूल बेहद कम दामों के मूर्तियों की जानकारी भी उपलब्ध कराई जाएंगी।

पुरानी प्रतिमाओं का सम्मान करेंगे

हमारा संकल्प

इधर- उधर अब नहीं रखेंगे

Total Number of Idols Collected for e-Visarjan

4 0 +
from road side, sangrah kendras and individuals in Lucknow
अभियान से सम्बंधित कार्यक्रमों एवं मीडिया रिपोर्ट्स की अद्यतन जानकारी
मूर्तिमान