भंडारा, जिसे अन्नदान भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में अपने त्योहारों और उत्सव के दौरान आयोजित किया जाता है। इसके दौरान यज्ञ, हवन और भोजन प्रसादी का आयोजन किया जाता है। यह भोजन प्रसादी को भंडारा भी कहते हैं। भारत में त्योहारों पर समय-समय पर अलग-अलग स्थानों पर भंडारों का आयोजन किया जाता है, और भारत में बहुत से ऐसे मंदिर भी हैं जहाँ प्रतिदिन इस तरह के भंडारों का आयोजन किया जाता है। भंडारे का महत्व है क्योंकि यह सभी वर्गों के लोगों को एक साथ लाता है और समाज में समानता और भाईचारे का संदेश देता है। Read More
कार्यक्रम सूचनाएं
दिनांक: 10 जून से 25 जून स्थान: ऑनलाइन प्रतिभागी: 9 से 14 वर्ष के बालक-बालिकाएँविभिन्न प्रदेशों से कार्यक्रम का विवरण: 1....
लखनऊ का बड़ा मंगल विश्व में लखनऊ की एक अलग ही पहचान दिलाता है। इस पहचान को परंपरा को आगे बढ़ाने...
दिनांक 25 मई 2024 को ज्येष्ठ के बड़े मंगल के आयोजनों को प्रभावी बनाने हेतु नगर निगम कार्यालय के मुख्य हॉल...
महिलाओं की सहभागिता भंडारों में न केवल एक समुदाय के लिए सोशल जस्टिस की प्रक्रिया है, बल्कि यह उन्हें स्वतंत्रता, स्वावलंबन,...
भंडारा का आयोजन करने के लिए स्थान का चयन सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों, संगठन की योजना और सामाजिक उद्देश्यों के आधार...