सोच बदल दो सच आएगा – बृजेन्द्र

सोच बदल दो सच आएगा,झूठ प्रपंच सव छट जाएगा।नीम हकीम प्रथम सेवक हैं,गोबर गणेश गौरव पायेगा।। तुलसी वट पीपल है जीवन,यज्ञ हवन पर्यावरण सँवारे।व्रत त्योहार हैँ पावनता देते,संकल्प शक्ति से तप है धारे।। गांव में रहे गँवार नहीं बह,गांव में बह गौरव लाएगा।खेती का बहु उद्धमकारी,गौ गोमय से समृद्धि गायेगा।। गोवर्धन पूजा का शुभ दिन,गो धन की महिमा जानो।सोया हुआ स्वत्व जगाओ,पूजा के शुभ तत्व पहचानो।। बृजेंद्र।

अजूबा ही नहीं, एक तिलिस्म है मानवी शरीर

अपनी अंगुलियों से नापने पर 96 अंगुल लम्बे इस मनुष्य शरीर में जो कुछ है, वह एक बढ़कर एक आश्चर्यजनक एवं रहस्यमय है। हमारी शरीर यात्रा जिस रथ पर सवार होकर चल रही है उसके प्रत्येक अंग-अवयव या कलपुर्जे कितनी विशिष्टतायें अपने अन्दर धारण किये हुए है, इस पर हमने कभी विचार ही नहीं किया। यद्यपि हम बाहर की छोटी-मोटी चीजों को देखकर चकित हो जाते हैं और उनका बढ़ा-चढ़ा मूल्याँकन करते हैं, पर अपनी ओर, अपने छोटे-छोटे कलपुर्जों की महत्ता की ओर कभी ध्यान तक नहीं देते। यदि उस ओर भी कभी दृष्टिपात किया होता तो पता चलता कि Read More

धनतेरस क्यों मनाते है

क्या आप जानते हैं कि…. धनतेरस का महापर्व क्या है… और, ये क्यों मनाया जाता है ???22 और 23 अक्टूबर को धनतेरस मनाया जाएगा किंतु 22 अक्टूबर को प्रदोष काल में धनतेरस की पूजा ज्यादा ठीक होगी, जो लोग उदया तिथि के अनुसार मानते हैं वह 23 अक्टूबर को धनतेरस मना सकते हैं।अधिकतर लोग इसे धन की पूजा मानते हैं …तथा, इस दिन महंगे धातु खरीदते हैं… क्योंकि, हमने बचपन से ही अपने घर के लोगों को ऐसा करते देखते आए हैं …और, इसे दीपावली के एक भाग के तौर पर मनाते हैं. जबकि, सच्चाई थोड़ी भिन्न है… और, “धनतेरस” Read More

आस्था संरक्षण का प्रयास- मोहित लोधी

आज दिनांक 23/10/2022 को दीपावली के शुभ अवसर पर मंगलमान की योजनाओं से प्रभावित होकर अपनी टीम के साथ पिकनिक स्पॉट कुकरैल के पास पुरानी देवी देवताओं की मूर्तियां रखने के स्थान को साफ सफाई कर के पुरानी मूर्तियों का भूमि विसर्जन किया गया। इस प्रयास में मोहित लोधी जी,अरुण जी,अंकित जी,रोहित जी,राजकुमार जी,पंकज जी,विशाल जी,अरुण राजपूत जी आदि सदस्य सभी उपस्थित रहें। मोहित लोधीवार्ड मंत्रीइंदिरा प्रियदर्शिनी वार्ड6392675712

सनातन परंपरा के अनुसार विसर्जित करे पुरानी मूर्तियाँ -डॉ धनंजय गुप्ता

जिसको न निज गौरव तथा निज देश ( धर्म ~ संस्कृत) अभिमान है वह नर नहीं नर पशु निरा और मृतक समान है ??? प्रत्येक भारतीय को प्रत्येक क्षण इन पंक्तियों को स्मरण करते रहना चाहिए।हम अपने आस्था के प्रत्येक मान बिन्दुओं का पूर्ण विश्वास व गौरव के पालन कर रहे है। उसी सम्मान व आस्था के साथ हम अपने आस्था के प्रतीक देवी देवताओ की प्रतिमाओं का विभिन्न पर्व त्योहार में अपने घरो में लाते है, बहुमूल्य पूजन सामग्री से पूजित कर प्राण प्रतीष्ठा करते है सनातन परंपरा के अनुसार विधि-विधान से विसर्जित करने का विधान पूर्वक विसर्जित करने Read More

2025 तक लखनऊ को दिलायेगे pop की मूर्तियों से मुक्ति

सड़कों, डिवाइडरों और पेड़ों के नीचे फेंकी मूर्तियों को मान दिलाने (#मूर्तिमान) एवं पर्यावरण संरक्षण के साथ प्रतिमाओं का विसर्जन (ई-विसर्जन) की बैठक वास्तुविद श्री गणेश ताम्रकार के आवास पर हुई। जिसमे बड़ी संख्या में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों और समाजसेवियों ने 2025 तक लखनऊ से विसर्जन की समस्या के समाधान का संकल्प लिया। बैठक में तय किया गया कि ना चाहते हुए भी लोग खंडित मूर्तियों, देवी – देवताओं के चित्रों को फेंक देते हैं। इससे आस्था का परिहास तो होता ही है पर्यावरण को भी नुकसान होता है।गणेश महोत्सव, दीपावली में प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों के साथ Read More