ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि 19 मई से जेठ शुरू हो रहा है और 21 मई को ज्येष्ठ मास की कृष्ण तृतीया से बड़े मंगल की शुरूआत हो रही है। इस बार कुल ४ बड़े मंगल होंगे।
जेठ का पहला बड़ा मंगल 21 मई को पड़ेगा। इसे लेकर मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई हैं।
दुनिया रचने वाले को भगवान कहते है और संकट हरने वाले को हुनमान कहते है। राम के अनन्य भक्त हनुमान जी संकट हरने वाले देवता माने जाते है। संकट कैसा भी पर हनुमान जी उसे पल भर में दूर करने की क्षमता रखते है। किन्तु भक्ती, श्रद्धा और प्रीति वैसी ही होना चाहिए जैसी हनुमान जी रामचन्द्र जी से करते थे। जहां न कोई स्वार्थ है, न आडम्बर, न आकांक्षा न किसी भी प्रकार की आशंका जॅहा है सिर्फ प्रेम व पूर्ण समर्पण की भक्ति है।
21 मई को ज्येष्ठ मास की कृष्ण तृतीया से बड़े मंगल की शुरूआत हो रही है। इस दिन चन्द्रमा धनु राशि में रहेगा, जो मंगल की मित्र राशि है। बृहस्पति देव गुरू है जो धर्म की रक्षा करते है और सबका कल्याण करते है। सिद्ध योग होने के कारण हर कार्य में सफलता मिलेगी। इसलिए ज्येष्ठ के बड़े मंगल की शुरूआत काफी शुभ व सफलतादायक रहेगी।
दूसरा मंगल 28 मई को पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में पड़ेगा दूसरा मंगल 28 मई को पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में पड़ेगा। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का स्वामी गुरू है। अतः दूसरे बड़े मंगल का भी खास प्रभाव रहेगा।
तीसरा मंगल 04 जून को शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के साथ मृगशिरा रहेगा। मृगशिरा नक्षत्र का स्वामी मंगल है, जो सबका मंगल करता है। यह भी एक शुभ संकेत है।
चौथा मंगल 11 जून को उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के साथ कर्क राशि रहेगी। इस दिन सिद्ध योग भी रहेगा। मन का कारक चन्द्रमा भी अपनी राशि में है और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का स्वामी सूर्य है। सूर्य और चन्द्रमा की आपस में अच्छी मैत्री है। यानि इस बार ज्येष्ठ के चारों मंगल शुभ योग में पड़ रहे है।