पानी की एक्सपायरी डेट

पानी की एक्सपायरी डेट क्या है…⁉️ जहां नल का पानी हर दिन आता है, वहाँ पानी हर दिन बासी हो जाता है और हर दिन बहा (फेंक) दिया जाता है।एक्सपायरी तिथि 1 दिन 🚰🚰🚰🚰🚰🚰🚰 जहाँ 2 दिन में नल आता है, वहाँ 2 दिन में पानी बासी हो जाता है,और बहा दिया जाता है। 🦠🦠🦠🦠🦠🦠🦠 जहां आठ दिन बाद पानी आता है, वहाँ आठ दिन बाद पानी बासी हो जाता है। 🚰🚰🚰🚰🚰🚰🚰 शादी समारोह में अगली बिसलरी का सामना होते ही हाथ में रखी पानी की आधी बोतल को फेंक दिया जाता है‼️ रेगिस्तान में यात्रा करते समय पानी तब Read More

कल के लिए जल अवश्य बचाये

जल निर्जीव हैपर निर्जीव जल में हीसभी जीवों के जीवनका पूर्ण सत्य निहित हैजल के बिना जीवन संभव ही नहींयह निर्जीव जलहमारे जीवन का रक्षक हैपर हमसभी जीवों के भक्षक बन बैठे हैंहमने जल की महानता और महत्ता को बेमानी करअमृत जल कोजहर औरजंग का कारण बना डालाजल जंग न बन जायेकुछ करना यारों सुबह उठते हीजल चाहिए,रात्रि की मधुर निद्रा के लिए भीजल चाहिएमधुर स्वप्न पर करवट बदलते भीजल चाहिएदिनचर्या की हर क्रिया में भीजल चाहिएजीते-मरते यहाँ तक किदाह क्रिया में भीजल चाहिएआत्मा तृप्त रहे, इसलिएआत्मा की स्थापना तक भीजल चाहिएमानव के पुनर्जीवन की सुखद यात्राकी मंगलकामना में भीजल Read More

लोकशक्ति के संबल को और प्रबल करना होगा

माँ भारती है महाशक्ति, अनुष्ठान करना होगालोकतंत्र का पर्व आ रहा, धर्म प्रण धरना होगाइतिहास रचा था जो हमने अयोध्या धाम सजाने मेंवही इतिहास रचना होगा लोकतंत्र बचाने मेंमाँ भारती है महाशक्ति…. विशाल लोकतंत्र के हम प्रहरी, पहचान हमारी लोकशक्तिलोकतंत्र का मूलमंत्र है, लोकशक्ति का संबलराम लला की प्राण प्रतिष्ठा, लोकशक्ति का संबल थालोकशक्ति के संबल को और प्रबल करना होगामाँ भारती है महाशक्ति…. लोकतंत्र का पावन मंदिर विधि विधान से बनवायालोकतंत्र के देवी की प्राण प्रतिष्ठा बाकी हैलोकतंत्र के इसी पर्व में लोक जागरण करना होगाबहुत हो चूका आलस्यबाजी सबको अब जगना होगामाँ भारती है महाशक्ति…. लोकशक्ति के बलबूते Read More

भंडारा आयोजन में इन बातों का रखे ध्यान

भंडारा का आयोजन करना एक सामाजिक, धार्मिक, और मानवीय उपक्रम है जो सामुदायिक एकता, सेवा, और सहयोग की भावना को प्रकट करता है। इस उत्सव को संचालित करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए: 1. समुदाय की आवश्यकताओं का विश्लेषण:भंडारा का आयोजन करने से पहले समुदाय की आवश्यकताओं और संगठन की क्षमताओं का विश्लेषण करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे आयोजक समझ सकता है कि किस प्रकार की सेवाएं और सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए। 2. समय संबंधी व्यवस्था:भंडारा का समय और तारीख का चयन करते समय समाज की सामूहिक उपस्थिति का ध्यान रखना चाहिए। समुदाय के सभी Read More

भंडारा करवाने का महत्व

भंडारा का सामाजिक महत्व: भंडारा का आयोजन एक सामाजिक उत्सव के रूप में किया जाता है जिसमें विभिन्न समुदायों के लोग एक साथ आकर भोजन करते हैं। यह समाज की एकता, सहयोग, और सामर्थ्य को बढ़ावा देता है। सामाजिक समर्थन, प्रेम, और सहयोग का एहसास कराने के साथ-साथ, यह अपने समुदाय के सदस्यों को एक-दूसरे के साथ अधिक जुड़ने का माध्यम भी प्रदान करता है। सेवा और समर्पण: भंडारा का आयोजन करने से एक व्यक्ति सेवा और समर्पण की भावना को प्रकट करता है। यह अपने समाज के सदस्यों के लिए एक उपहार की भाँति होता है, जिससे उनका भला Read More

भंडारे का महत्व

भंडारे का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। यह एक धार्मिक अनुष्ठान है जिसमें लोग सामूहिक रूप से भोजन प्रसादी का आयोजन करते हैं और इसे सभी के साथ साझा करते हैं। भंडारे में भोजन करने वाले सभी लोग अपनी सामर्थ्य अनुसार अन्नदान करते हैं, और इसमें किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, अन्नदान को महादान माना गया है, और यह विश्वास है कि जो चीज हम दान करते हैं, परलोक में हमें वही वस्तुएं मिलती हैं। इसलिए, भंडारे के माध्यम से लोग गरीब और जरूरतमंदों को भोजन कराते हैं, जिससे शरीर और Read More

भण्डारे की परम्पराएं

भंडारा, जिसे अन्नदान भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में अपने त्योहारों और उत्सव के दौरान आयोजित किया जाता है। इसके दौरान यज्ञ, हवन और भोजन प्रसादी का आयोजन किया जाता है। यह भोजन प्रसादी को भंडारा भी कहते हैं। भारत में त्योहारों पर समय-समय पर अलग-अलग स्थानों पर भंडारों का आयोजन किया जाता है, और भारत में बहुत से ऐसे मंदिर भी हैं जहाँ प्रतिदिन इस तरह के भंडारों का आयोजन किया जाता है। भंडारे का महत्व है क्योंकि यह सभी वर्गों के लोगों को एक साथ लाता है और समाज में समानता और भाईचारे का संदेश देता है। Read More

भगवान भाव के भूखे होते है वस्तु के नहीं

जी हां, यह एक गहरा और महत्वपूर्ण धारणा है। “भगवान भाव के भूखे होते हैं, वस्तु के नहीं” यह अर्थात् यह कि भगवान को हमारे मन में और हमारे भावनाओं में रूचि होती है, न कि उन्हें चीजों की आवश्यकता होती है। इसका एक उदाहरण है कथा में जो कहती है कि एक बार एक योगी ने ध्यान के दौरान भगवान से प्रार्थना की कि वह उनकी भक्ति को प्रसन्न करें और उन्हें अपने साकार रूप में दर्शन दें। भगवान ने उनकी प्रार्थना सुनी और उन्हें अपने दरबार में बुलाया। योगी ने अपनी भक्ति के साथ दरबार में प्रवेश किया, Read More

ऐसी मूर्तियों का प्रयोग करे जो पानी में घुल जाएं- प्रो० राम कुमार

मंगलमान अभियान के अंतर्गत पूजित मुर्तियों के सम्मान विर्सजन हेतु एक विचार गोष्ठी का अयोजन आज मंगलमान संस्था, एस०एस० डी० पब्लिक स्कूल, मोटर वाहन सहकारी समिति लि. तथा महावीर सेना के संयुक्त तत्ववधान मे पूजित मूर्तियों के ससम्मान विसर्जन विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन एस० आर० कालोनी, एल्डिगो रिगालिया आईआईएम रोड लखनऊ में किया गया। मंगलमान संस्था के संस्थापक डॉ. राम कुमार तिवारी ने अपने संबोधन में बताया कि दीपावली तथा अन्य मूर्तिपूजन के अवसर पर हम लोग जिन मूर्तियां का पूजन करते हैं वे मिट्टी की पकी हुई होती है या प्लास्टर आफ पेरिस की होती है Read More

मंगलमान ई-विसर्जन के कुछ अनुभव

मंगलमान का यह अभियान किसी भी सामाजिक कार्य के विशालतम और अति कठिन कार्यों में से एक कार्य है जिसका निष्पादन जन सहयोग के समन्वय से जितनी स्वच्छता और सुंदर तरीके से संपन्न कराया जा रहा है वह अयोजकों की दूरदृष्टि और कृतसंकल्प का परिणम है ! माननीय नगर निगम का सहयोग भी सोने में सुहागा जैसा दायित्व वहन कर रहा है! यदि संक्षेप में कहें तो सार यहीं है कि एक विशाल सामाजिक कार्य सामाजिक सहयोग से कितनी सुंदरता से किया जा सकता है यह सिद्ध हुआ है! एक और बेहतरी के लिए इस अनुभव की समीक्षा की जानी Read More