हनुमान के भक्तों जागो…

हनुमान के भक्तों जागोहनुमान सी शक्ति तुम मेंजो चाहो वह कर सकते होहनुमान सी भक्ति तुम में सजीवनी बूटी के हितपर्वत ही बह ले आएराम बसे उर में हैं उनकेसीना चीर के दर्शाये मंगल बड़ा ज्येष्ठ मास काएक बड़ा अवसर आयास्वच्छ पवित्र भंडारा होवेहैं ऋषियों ने जैसा गाया एक बड़ी मर्यादा उसमेंहनुमान का नाम हैप्रभु सेवा हित आगे आयेंहनुमान का काम है भंडारे का शुभारंभ होहनुमान के पूजन सेसेवा करें सभी मिल दिन भरकरें समापन पूजन से उत्तम लक्ष्मणपुरी हमारीजयघोष जगत में गूंजेगाराम राज्य का डंका होगातव विश्व सनातन पूजेगा साभार: बृजेंद्र जी, लोक भारती

सामाजिक सद्भाव क्यों और कैसे?

सद्भाव ~ समाज मे~~~~क्या इतना बड़ा विषय है कि ❓❓सद्भाव किससे ❓❓विद्वानों का मत है कि न्याय करने से अधिक न्याय होते दिखना चाहिए ??सद्भाव किनके बीच पहली प्राथमिकता ❓❓❓सद्भाव के आवश्यक तत्व ❓ भारतीय समाज में अनेक आभासी विरोधाभास भी विविधतायें भी।क्या ये सद्भाव केवल विभिन्न पंथो के मध्य या हमारे समाज मे स्वतः स्फुटित जातियो के मध्य। हमको प्राथमिकता तय करना होगा। या सभी के बीच।तो पहल कहां से ❓❓राष्ट्रीय आवश्यकता तो अनुभव मे आता है, कि राष्ट्र तो समविचार , समसांस्कृतिक व समव्यावहार से निर्मित भूभाग होता है तो पुनः वही प्रश्न , कि हमारी प्राथमिकता ? Read More

सोच बदल दो सच आएगा – बृजेन्द्र

सोच बदल दो सच आएगा,झूठ प्रपंच सव छट जाएगा।नीम हकीम प्रथम सेवक हैं,गोबर गणेश गौरव पायेगा।। तुलसी वट पीपल है जीवन,यज्ञ हवन पर्यावरण सँवारे।व्रत त्योहार हैँ पावनता देते,संकल्प शक्ति से तप है धारे।। गांव में रहे गँवार नहीं बह,गांव में बह गौरव लाएगा।खेती का बहु उद्धमकारी,गौ गोमय से समृद्धि गायेगा।। गोवर्धन पूजा का शुभ दिन,गो धन की महिमा जानो।सोया हुआ स्वत्व जगाओ,पूजा के शुभ तत्व पहचानो।। बृजेंद्र।

हनुमान जी मानव जीवन के लिए सदैव एक उदाहरण

कलयुग जब आगमन की ओर था तो सभी प्रमुख देवी देवताओं ने आर्यावर्त के अलग अलग स्थान चुन लिए ! भोले बाबा ने कैलाश चुन लिया तो श्री हरि क्षीर सागर चले गये माता रानी ने बाण गंगा कटरा कश्मीर चुन लिया……. सबने अपनी अपनी पसंद का निवास स्थान चुन लिया ।। इधर रामायण काल महाभारत काल दोनों युद्धों के प्रणेता श्री मारुति नंदन इसी धरा पर विराजमान रह गये…वो भी सशरीर। इसके पीछे कारण था की उनको उन सभी लोगों से प्रेम था जिनको प्रभु श्री राम प्रिय थे। हनुमान जी को राम कथा सुननी थी, यह धरती पर Read More

करे योग, रहे निरोग

कोई बात नहीं कियोगा बन गया योगनाम कुछ भी लीजियेपर इसको करें रहें निरोग योग दिवस बस समझियेमिशन आपको समझाने कारोज रोज अपनाना इसकोआदत में इसे डालने का आठों अंग इसके समझियेयम, नियम, आसन, प्राणायामप्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधिसबको जानकर बनेगा काम कुछ सालों से देख रहे हैंदुनिया ने इसे खूब अपनाया हैकुछ ने बस बात की है इसकीपर जिसने किया पूरा फल पाया है बस एक बात और कहनी हैअपने गुरुओं की ठीक से सुनिएख़ुद विश्व गुरु बाद में बनिएपहले अच्छा शिष्य तो बनिए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं -सुनील जी गर्ग

प्रकृति – पीड़ा

प्रकृति ने बनाया; एक अद्भुत धरा को, नदियों से सजाया; पर्वतों की शृंखला को; पौधों से भरा था; फल-फूल भी लदा था, ऐसी सुसज्जित बगिया; मानव को मिला था प्रकृति ने बनाया;….. सूरज की ऊर्जा से सभी थे प्रफुल्लित; चाँद की शीतलता कर रही थी हर्षित; नदियों की कल कल, पवन की हलचल बारिश की अठखेलियों में, पौधे भी थे चंचल; प्रकृति ने बनाया’’’’’ युगों युगों में आया एक युग ये “कलयुग” स्वार्थ-जाल अपना, जब मानव ने बिछाया प्रकृति था अचंभित, धोखा हुआ ये भारी लाया था जिसे, देकर बौद्धिक क्षमता उसी ने वार करके, लम्बी है घात मारी ! Read More

आयुर्वेद समग्र स्वास्थ्य विज्ञान

आयुर्वेद संसार की सर्वाधिक जटिल यांत्रिकी “मानवदेह” की स्वास्थ्य-रक्षा एवं वैसे ही स्वास्थ्य को अनवरत साधने के लिए प्रजापति “ब्रह्मा” ने आयुर्वेद को उत्पन्न किया था। संसार में सुखमूलक आयुष्य के सन्तुलन हेतु इस ज्ञान को प्रजापति “दक्ष” को दिया गया। किंतु अहंकारवश “दक्ष” ने आयुष्य के इस विलक्षण ज्ञान को देवताओं का तक सीमित कर दिया!वे चाहते थे कि “आयुर्वेद” के अन्तिम ज्ञाता “अश्विनीकुमार” ही हों, ताकि मनुष्य सदा-सर्वदा देवताओं का आश्रित बना रहे तथापि राज्य में विद्यमान किसी भी विद्या में राजा का पारङ्गत होना भी आवश्यक है, अतः अंतत: ये ज्ञान देवराज “इन्द्र” को प्राप्त हुआ।वे इस Read More

हनुमान जी का कर्ज़ा……

राम जी लंका पर विजय प्राप्त करके आए तो कुछ दिन पश्चात राम जी ने विभीषण, जामवंत, सुग्रीव और अंगद आदि को अयोध्या से विदा कर दिया। तो सब ने सोचा हनुमान जी को प्रभु बाद में विदा करेंगे, लेकिन राम जी ने हनुमान जी को विदा ही नहीं किया। अब प्रजा बात बनाने लगी कि क्या बात है कि सब गए परन्तु अयोध्या से हनुमान जी नहीं गये। अब दरबार में कानाफूसी शुरू हुई कि हनुमान जी से कौन कहे जाने के लिए, तो सबसे पहले माता सीता जी की बारी आई कि आप ही बोलो कि हनुमान जी Read More

Hanuman Chalisa in English

हनुमान चालीसा का अंग्रेजी में अनुवाद Read and fell blessed!! ?????? श्रीगुरु चरन सरोज रजIn the Lotus feet of my teacher/Guardian निज मन मुकुर सुधारि।I purify the mirror of my heart बरनउँ रघुबर बिमल जसुI illustrate the story of immaculate Rama जो दायकु फल चारि॥which bestows four fruits (The 4 Purusharth : desire, prosperity, righteousness, liberation) बुद्धिहीन तनु जानिकैConsidering myself as frail & unwise सुमिरौं पवनकुमार।I contemplate Son of Wind (Hanuman) बल बुद्धिविद्या देहु मोहिंto impart power, knowledge & civilization हरहु कलेश विकार ॥& to eradicate all the miseries of life. जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।I glorify lord Hanuman, the Read More

हनुमान जी के 108 नाम

हनुमान की उपासना से जीवन के सारे कष्ट, संकट मिट जाते है। माना जाता है कि हनुमान एक ऐसे देवता है जो थोड़ी-सी प्रार्थना और पूजा से ही शीघ्र प्रसन्न हो जाते है। मंगलवार और शनिवार का दिन इनके पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ हैं। उनके 108 पवित्र नाम… 1.आंजनेया : अंजना का पुत्र 2.महावीर : सबसे बहादुर 3.हनूमत : जिसके गाल फुले हुए हैं 4.मारुतात्मज : पवन देव के लिए रत्न जैसे प्रिय 5.तत्वज्ञानप्रद : बुद्धि देने वाले 6.सीतादेविमुद्राप्रदायक : सीता की अंगूठी भगवान राम को देने वाले 7.अशोकवनकाच्छेत्रे : अशोक बाग का विनाश करने वाले 8.सर्वमायाविभंजन : छल के Read More