युवाओं के प्रेरणास्रोत श्री हनुमानजी

ज्येष्ठ मास का बड़ा पर्व बड़े मंगल की शुरूवात 1 जून से हो गयी है. कोरोना की वज़ह से पूरे शहर में इस वर्ष भी आम जन द्वारा प्रसाद वितरण नहीं हो पा रहा है. लेकिन पिछले वर्ष की ही भाँति इस वर्ष भी मंगलमान समिति के संयोजक डाॅ राम कुमार तिवारी और लखनऊ महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया ने लखनऊ की सैकड़ों वर्ष पुराने बड़े मंगल के पर्व का जिम्मा उठाया है और ई भण्डारों के माध्यम से प्रसाद वितरण की सेवा दी जा रही है. बड़े मंगल को ई भण्डारा होता है और बाकी दिनों में डिजिटल मंचों पर Read More

पहले बड़ा मंगल पर सोशल डिस्टैंसिंग के साथ ई-भंडारा

जेष्ठ मास के आरंभ होते ही लखनऊ शहर में लगने वाले बड़े मंगल के भंडारों का सहज ही स्मरण हो जाता है। वर्तमान समय में कोविड 19 जैसी समस्या के चलते सभी हनुमत भक्तों के सामने यह प्रश्न था कि क्या इस बार बिना भंडारों की ही जेष्ठ मास बीत जाएगा? इसी विचार को केंद्र में रखते हुए मंगलमान ने महापौर के आशीर्वाद से ई-भण्डारा मोबाइल सेवा के माध्यम से इसे मूर्तरूप देने का संकल्प लिया। लखनऊ नगर निगम एवं अनेको संगठनों की सक्रीय सहभागिता से प्रसाद वितरण की यह अनूठी परंपरा ई भंडारे के रूपो में गत वर्ष प्रारंभ Read More

२०२१ पहला बड़ा मंगल ई भंडारा मोबाइल सेवा- रुट मैप

प्रथम बड़ा मंगल को प्रसाद वितरण का कार्य प्रातः 9 बजे महापौर जी के आवास से प्रारंभ किया जायेगा। वहां पर महापौर  बजरंग बली की पूजा अर्चना करेगी और प्रसाद में मुख्य रूप से लाईया चना, गुड, बिस्क्युट, केला, बूंदी, आयुर्वेदिक काढ़ा बांटा जायेगा। इसके साथ ही मास्क, सिनेटाइजर, ग्लब्स, हैंडवॉश जैसी वस्तुओं का वितरण भी होगा। ई भण्डारा प्रसाद वाहन महापौर के आवास से निकल कर कृष्णा नगर मेट्रो स्टेशन, सिंगार नगर, आलमबाग चौराहा, आलमबाग बस स्टैंड, मवैया, चारबाग़, हुसैनगंज, विधान सभा, नगर निगम कार्यालय, परिवर्तन चौक, हुनुमान सेतु मंदिर, आई टी चौराहा, कपूरथला, महानगर, बादशाह नगर, भूत नाथ, Read More

भण्डारा / ई-भंडारा रजिस्ट्रेशन

आप अपनी परंपरा पर गर्व करते है और इसके समन्यवय, संवर्द्धन एवं समुत्कर्ष (ग्लोब्लाइजेशन) में सहयोग करना चाहते है तो आपका हार्दिक अभिनन्दन है। निम्न फॉर्म के माध्यम से पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) कराने का कष्ट करे। Loading…

कोरोना और लॉकडाउन में करे ई-भंडारा, ई-भंडारा मोबाइल सेवा की शुरुआत, जरूरतमन्दों तक प्रसाद

जेठ का माह प्रारम्भ हो गया है जिसमे लखनऊ में मंगलवार को हनूमान जी पूजा अर्चना के साथ भण्डारे की परंपरा है। इन मंगलो को बड़ा मंगल कहते है। इस बार 4 बड़े मंगल है जो क्रमशः 1, 8, 15 तथा 22 जून को है। लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के चलते बड़े मंगल पर आयोजित होने वाले भंडारों पर आयोजको के संशय को दूर करते हुए महापौर संयुक्ता भाटिया ने ई-भंडारे की व्यवस्था प्रदान की।मंगलमान समिति और नगर निगम मिलकर लखनऊ की परंपरा को जीवित रखते हुए भंडारे आयोजको के प्रसाद को जरूरतमन्दों एवं सेवा बस्तियो तक पहुँचाने की व्यवस्था Read More

पर्यावरण संरक्षण हेतु वृक्ष लगाये

स्कंद पुराण में एक सुंदर श्लोक हैअश्वत्थमेकम् पिचुमन्दमेकम्न्यग्रोधमेकम् दश चिञ्चिणीकान्।कपित्थबिल्वाऽऽमलकत्रयञ्च पञ्चाऽऽम्रमुप्त्वा नरकन्न पश्येत्।। अश्वत्थः = पीपल (100% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)पिचुमन्दः = नीम (80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)न्यग्रोधः = वटवृक्ष(80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)चिञ्चिणी = इमली (80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)कपित्थः = कविट (80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)बिल्वः = बेल(85% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)आमलकः = आवला(74% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)आम्रः = आम (70% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)(उप्ति = पौधा लगाना) अभी भी कुछ बिगड़ा नही है, हम अभी भी अपनी गलती सुधार सकते हैं।औऱगुलमोहर, निलगिरी- जैसे वृक्ष अपने देश के पर्यावरण के लिए घातक हैं। शास्त्रों में पीपल को वृक्षों Read More

आयुर्वेद समग्र स्वास्थ्य विज्ञान

आयुर्वेद संसार की सर्वाधिक जटिल यांत्रिकी “मानवदेह” की स्वास्थ्य-रक्षा एवं वैसे ही स्वास्थ्य को अनवरत साधने के लिए प्रजापति “ब्रह्मा” ने आयुर्वेद को उत्पन्न किया था। संसार में सुखमूलक आयुष्य के सन्तुलन हेतु इस ज्ञान को प्रजापति “दक्ष” को दिया गया। किंतु अहंकारवश “दक्ष” ने आयुष्य के इस विलक्षण ज्ञान को देवताओं का तक सीमित कर दिया!वे चाहते थे कि “आयुर्वेद” के अन्तिम ज्ञाता “अश्विनीकुमार” ही हों, ताकि मनुष्य सदा-सर्वदा देवताओं का आश्रित बना रहे तथापि राज्य में विद्यमान किसी भी विद्या में राजा का पारङ्गत होना भी आवश्यक है, अतः अंतत: ये ज्ञान देवराज “इन्द्र” को प्राप्त हुआ।वे इस Read More

फंगल इन्फेक्शन में लापरवाही करना घातक- डॉ सुधीर श्रीवास्तव

धैर्य, हिम्मत और अनुशासन से कोरोना को मात दे सकते हैं और ब्लैक फंगस से भी बच सकते हैं। उक्त उद्गार कोविड-19 हेल्पिंग हैंड इंटरएक्टिव सेशन में बोलते हुए आर एस एस के प्रांत कार्यकारिणी के सदस्य प्रशांत भाटिया ने कहा कि लोगों तक सही जानकारी पहुंचाना आज की महती आवश्यकता है । अब 1-2-1 परामर्श का समय नहीं है ऐसे में ऑनलाइन इस प्रकार के आयोजनों के द्वारा एक साथ कई लोगों को परामर्श देना समय की मांग है जिसे मंगलमान की टीम संवैचारिक संगठनों के साथ मिलकर तत्परता एवं प्रमाणिकता से कर रहा है। इस अवसर पर कोविड-19 Read More

स्वस्थ जीवन शैली ही हमें आने वाली चुनौतियों से बचा सकती है- प्रो निर्मल गुप्ता, SGPGI

एक स्वस्थ जीवन शैली ही हमें आने वाली चुनौतियों से बचा सकती है। कोविड-19 जैसे अन्य वायरस, बैक्टीरिया, फंगस जनित बीमारियां भविष्य में देखने को मिलेंगी। अतः स्वस्थ जीवन शैली अपनाना आज समय की सबसे बड़ी मांग है। उक्त बातें प्रोफ़ेसर निर्मल गुप्ता हेड, कार्डियक सर्जरी विभाग, संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट लखनऊ एवं आरोग्य भारती के पीजीआई ब्रांच के अध्यक्ष ने मंगलमान द्वारा आयोजित “कोविड-19 हेल्पिंग हैंड- मंगल संवाद” कार्यक्रम की श्रृंखला में सातवीं कड़ी मैं अपने विचार साझा किया। प्रोफ़ेसर निर्मल गुप्ता हृदय रोग के संबंध में संवाद कर रहे थे। साथ ही उन्होंने प्रतिभागियों के प्रश्नों के उत्तर Read More

ऐसे करे कोरोना का ईलाज- डॉ सूर्य कान्त

मंगलमान अभियान के ऑनलाइन इंटरएक्टिव सेशन – “मंगल संवाद” की 6ठी श्रृंखला मंगलवार ११ मई को शाम ५ बजे ज़ूम प्लॅटफॉम पर संपन्न हुई. इसमें देश के जाने माने चिकित्सक डॉ सूर्यकान्त त्रिपाठी ने कोरोना से बचने, संक्रमित होने पर ईलाज के तरीके और पोस्ट कोविड मैनेजमेंट पर ऑनलाइन सेशन में अपने विचार रखे और लोगो के प्रश्नो के उत्तर दिये। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए खास टिप्स भी दिये और कोविड वैक्सीन को रामबाण बतात्ते हुए सभी से अपील करते हुए खा कि किसी भी प्रकार के अफवाहों में पड़ने की आवश्यकता नहीं है। सभी को जल्द से Read More