धैर्य, हिम्मत और अनुशासन से कोरोना को मात दे सकते हैं और ब्लैक फंगस से भी बच सकते हैं। उक्त उद्गार कोविड-19 हेल्पिंग हैंड इंटरएक्टिव सेशन में बोलते हुए आर एस एस के प्रांत कार्यकारिणी के सदस्य प्रशांत भाटिया ने कहा कि लोगों तक सही जानकारी पहुंचाना आज की महती आवश्यकता है । अब 1-2-1 परामर्श का समय नहीं है ऐसे में ऑनलाइन इस प्रकार के आयोजनों के द्वारा एक साथ कई लोगों को परामर्श देना समय की मांग है जिसे मंगलमान की टीम संवैचारिक संगठनों के साथ मिलकर तत्परता एवं प्रमाणिकता से कर रहा है। इस अवसर पर कोविड-19 Read More
एक स्वस्थ जीवन शैली ही हमें आने वाली चुनौतियों से बचा सकती है। कोविड-19 जैसे अन्य वायरस, बैक्टीरिया, फंगस जनित बीमारियां भविष्य में देखने को मिलेंगी। अतः स्वस्थ जीवन शैली अपनाना आज समय की सबसे बड़ी मांग है। उक्त बातें प्रोफ़ेसर निर्मल गुप्ता हेड, कार्डियक सर्जरी विभाग, संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट लखनऊ एवं आरोग्य भारती के पीजीआई ब्रांच के अध्यक्ष ने मंगलमान द्वारा आयोजित “कोविड-19 हेल्पिंग हैंड- मंगल संवाद” कार्यक्रम की श्रृंखला में सातवीं कड़ी मैं अपने विचार साझा किया। प्रोफ़ेसर निर्मल गुप्ता हृदय रोग के संबंध में संवाद कर रहे थे। साथ ही उन्होंने प्रतिभागियों के प्रश्नों के उत्तर Read More
मंगलमान अभियान के ऑनलाइन इंटरएक्टिव सेशन – “मंगल संवाद” की 6ठी श्रृंखला मंगलवार ११ मई को शाम ५ बजे ज़ूम प्लॅटफॉम पर संपन्न हुई. इसमें देश के जाने माने चिकित्सक डॉ सूर्यकान्त त्रिपाठी ने कोरोना से बचने, संक्रमित होने पर ईलाज के तरीके और पोस्ट कोविड मैनेजमेंट पर ऑनलाइन सेशन में अपने विचार रखे और लोगो के प्रश्नो के उत्तर दिये। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए खास टिप्स भी दिये और कोविड वैक्सीन को रामबाण बतात्ते हुए सभी से अपील करते हुए खा कि किसी भी प्रकार के अफवाहों में पड़ने की आवश्यकता नहीं है। सभी को जल्द से Read More
mask4all@india project has been providing free masks to under privileged persons. For the distribution of masks to needy project coordinator Dr Praveen Tandon who is a physician in Lucknow associated himself with Mangalman abhiyan. Let’s know more about the project mask4all@India…. Fact- We can only get over the Corona crisis by minimising the person to person transmission till effective vaccine is developed. By our wearing a face mask a healthy human is not that much protected from COVID as much as when a Corana patient or a silent carrier of the disease is wearing a face mask. We cannot remain Read More
कोरोना के संक्रमण से मुक्त होने के बाद भी कोरोना के प्रभाव से मुक्त होना शेष रह जाता है जिसके लिये फिजियोथेरपी काफी कारगर है। SGPGI के डॉ ब्रिजेश त्रिपाठी जी ने मंगलमान एवं सेवा भारती द्वारा आयोजित 5th मंगल संवाद कार्यक्रम में पोस्ट कोरोना मैनेजमेंट में फिजियोथेरपी की भूमिका पर विस्तार से चर्चा किया और लोगो के शंकाओ का निवारण किया।
मंगलमान अभियान के अंतर्गत सेवा भारती, लखनऊ महानगर के साथ मिलकर COVID-19 Helping Hands- मंगल संवाद का चौथा इंटरैक्टिव सत्र दिनांक 5 मई 2021, को शाम 5:00 बजे से ऑनलाइन माध्यम ज़ूम से आयोजित किया। इस कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञ के रूप में किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की ओर से डॉ0 वेद प्रकाश एवं पी जी आई के डॉ0 गौरव पांडेय ने परामर्श प्रदान किया।
सर्वप्रथम डॉ प्रभात कुमार पांडे ने कोविड-19 वायरस के संदर्भ में अपने विशिष्ट विचार साझा किए। उन्होंने अपने संगठन एनएमओ के बारे में लोगों को बताया जो कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का आनुषांगिक संगठन है, एनएमओ की कार्यप्रणाली एवं उसके द्वारा किए जाने वाले सराहनीय कार्यों से भी उनके द्वारा अवगत कराया गया। डॉ प्रभात ने कोविड-19 की दूसरी लहर के बारे में बताते हुए कहा कि वायरस का यह स्वरूप पिछले वर्ष के स्वरूप से काफी अलग है। उन्होंने कहा कोविड सार्स वायरस का यह न्यूटन स्ट्रेन है क्योंकि यह एक आरएनए वायरस है इसलिए इसकी सभी चीजें परिवर्तित Read More
मंगलमान अभियान की मूल में निहित राष्ट्र मंगल की भावना इस अभियान को सतत प्रेरणा एवं ऊर्जा प्रदान करती है। कोरोना काल में जहां सामान्य जनजीवन लगभग थम सा गया है, वही इस महामारी ने जन सामान्य के मनोबल को बहुत बुरी तरह प्रभावित किया है। कोरोना के मरीजों की विस्फोटक रूप से बढ़ती संख्या के कारण स्वास्थ्य सेवाएं अत्यंत दबाव में है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया जैसे मंच पर चल रही अधिकांश नकारात्मक सूचनाओं ने जन सामान्य में और अधिक डर एवं भय का माहौल निर्मित किया है। उक्त नकारात्मक स्थितियों के बीच मंगलमान अभियान ने Read More
भारतीय दर्शन में स्वास्थ्य को सर्वोपरि स्थान दिया गया है, स्वास्थ्य को सबसे बड़ी पूंजी कहा गया है। जब भारतीय जनसामान्य में सुखों की चर्चा होती है तो हमेशा कहा जाता है की ‘पहला सुख-निरोगी काया’ अर्थात सुख का पहला पायदान शरीर का स्वस्थ होना माना गया है। आज कोरोनाकाल में यह वाक्य संपूर्ण विश्व के लिए प्रासंगिक हो गया है। आधुनिकता की अंधी दौड़ और अर्थ की प्रधानता ने स्वास्थ्य जैसे हम अहम विषय को कहीं पीछे छोड़ दिया है। बहुतायत में लोग लाइफ़स्टाइल डिजीज की गिरफ्त में आकर भी इस अंधी दौड़ में दौड़े जा रहे हैं। कोरोना Read More