मंगलमान अभियान की मूल में निहित राष्ट्र मंगल की भावना इस अभियान को सतत प्रेरणा एवं ऊर्जा प्रदान करती है। कोरोना काल में जहां सामान्य जनजीवन लगभग थम सा गया है, वही इस महामारी ने जन सामान्य के मनोबल को बहुत बुरी तरह प्रभावित किया है। कोरोना के मरीजों की विस्फोटक रूप से बढ़ती संख्या के कारण स्वास्थ्य सेवाएं अत्यंत दबाव में है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया जैसे मंच पर चल रही अधिकांश नकारात्मक सूचनाओं ने जन सामान्य में और अधिक डर एवं भय का माहौल निर्मित किया है। उक्त नकारात्मक स्थितियों के बीच मंगलमान अभियान ने Read More
भारतीय दर्शन में स्वास्थ्य को सर्वोपरि स्थान दिया गया है, स्वास्थ्य को सबसे बड़ी पूंजी कहा गया है। जब भारतीय जनसामान्य में सुखों की चर्चा होती है तो हमेशा कहा जाता है की ‘पहला सुख-निरोगी काया’ अर्थात सुख का पहला पायदान शरीर का स्वस्थ होना माना गया है। आज कोरोनाकाल में यह वाक्य संपूर्ण विश्व के लिए प्रासंगिक हो गया है। आधुनिकता की अंधी दौड़ और अर्थ की प्रधानता ने स्वास्थ्य जैसे हम अहम विषय को कहीं पीछे छोड़ दिया है। बहुतायत में लोग लाइफ़स्टाइल डिजीज की गिरफ्त में आकर भी इस अंधी दौड़ में दौड़े जा रहे हैं। कोरोना Read More
मंगलवार का भंडारा हम सभी स्वेच्छा से धार्मिक अनुष्ठान के साथ सेवा भाव को ध्यान में रख कर करते हैं इसमें हमारा स्वयं का भाव बिहित होता है किसी अन्य के दबाव के कारण हम नहीं करते साथ ही हम इसके निमित्त धन का समर्पण भी करते हैं ! भंडारे पर हम बहुत व्यय करते है पर स्वच्छता पर बिलकूल ध्यान नहीं देते शाम तक भंडारा स्थल जो दृश्य प्रस्तुत करता अत्यंत कष्टकर होता ! उक्त बाते विवेकानंद केंद्र से जुड़े एवं समाधान फाउंडेशन के सचिव श्री अरुणेंद्र कुमार श्रीवास्तव जी ने मंगलमान अभियान के उत्तर भाग, लखनऊ की योजना Read More