जाँच के चक्कर में ना पड़ ईलाज प्रारम्भ करे- डॉ श्वेता श्रीवास्तव

मंगलमान अभियान की मूल में निहित राष्ट्र मंगल की भावना इस अभियान को सतत प्रेरणा एवं ऊर्जा प्रदान करती है। कोरोना काल में जहां सामान्य जनजीवन लगभग थम सा गया है, वही इस महामारी ने जन सामान्य के मनोबल को बहुत बुरी तरह प्रभावित किया है। कोरोना के मरीजों की विस्फोटक रूप से बढ़ती संख्या के कारण स्वास्थ्य सेवाएं अत्यंत दबाव में है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया जैसे मंच पर चल रही अधिकांश नकारात्मक सूचनाओं ने जन सामान्य में और अधिक डर एवं भय का माहौल निर्मित किया है। उक्त नकारात्मक स्थितियों के बीच मंगलमान अभियान ने Read More

Prevention is better than cure- Dr. Narendra Agarwal

भारतीय दर्शन में स्वास्थ्य को सर्वोपरि स्थान दिया गया है, स्वास्थ्य को सबसे बड़ी पूंजी कहा गया है। जब भारतीय जनसामान्य में सुखों की चर्चा होती है तो हमेशा कहा जाता है की ‘पहला सुख-निरोगी काया’ अर्थात सुख का पहला पायदान शरीर का स्वस्थ होना माना गया है। आज कोरोनाकाल में यह वाक्य संपूर्ण विश्व के लिए प्रासंगिक हो गया है। आधुनिकता की अंधी दौड़ और अर्थ की प्रधानता ने स्वास्थ्य जैसे हम अहम विषय को कहीं पीछे छोड़ दिया है। बहुतायत में लोग लाइफ़स्टाइल डिजीज की गिरफ्त में आकर भी इस अंधी दौड़ में दौड़े जा रहे हैं। कोरोना Read More

“मंगल भंडारा” एक धार्मिक अनुष्ठान के साथ एक सेवा समर्पण भी -अरुणेंद्र कुमार श्रीवास्तव

मंगलवार का भंडारा हम सभी स्वेच्छा से धार्मिक अनुष्ठान के साथ सेवा भाव को ध्यान में रख कर करते हैं इसमें हमारा स्वयं का भाव बिहित होता है किसी अन्य के दबाव के कारण हम नहीं करते साथ ही हम इसके निमित्त धन का समर्पण भी करते हैं ! भंडारे पर हम बहुत व्यय करते है पर स्वच्छता पर बिलकूल ध्यान नहीं देते शाम तक भंडारा स्थल जो दृश्य प्रस्तुत करता अत्यंत कष्टकर होता ! उक्त बाते विवेकानंद केंद्र से जुड़े एवं समाधान फाउंडेशन के सचिव श्री अरुणेंद्र कुमार श्रीवास्तव जी ने मंगलमान अभियान के उत्तर भाग, लखनऊ की योजना Read More