कोरोना वायरस संक्रमण आपदा और उससे बचाव के लिए हुए लॉकडाउन के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) लगातार राहत कार्य और जनसेवा में लगा हुआ है। संघ ने इसे ‘कोविड सेवा’ नाम दिया है। संघ ने जानकारी दी है कि वह देश भर के लगभग ७० हजार स्थानों पर एक साथ राहत-कार्य चला रहा है। आरएसएस के लाखो कार्यकर्ता इस काम में लगे हुए हैं।
स्वयंसेवक न सिर्फ़ लोगों के खाने-पीने का प्रबंध कर रहा है, बल्कि उनके स्वास्थ्य का भी ध्यान रख रहा है। संघ जगह-जगह पर ब्लड डोनेशन कैम्प भी आयोजित कर रहा है। संघ कार्यकर्ता बढ़-चढ़ कर रक्तदान कर रहे हैं। लोगों को कोरोना से बचाव के लिए मास्क और सैनिटाइजर्स भी वितरित किए गए हैं।
आरएसएस ने अपने बयान में कहा है कि संगठन तभी रुकेगा, जब कोरोना पर भारत को अंतिम विजय नहीं मिल जाती। साथ ही संगठन पोस्ट-कोरोना वर्ल्ड के लिए भी तैयार हो रहा है। संघ ने केंद्र सरकार की उसके कामकाज के लिए तारीफ की है। संघ ने दुनिया भर के कैपिटलिज्म और कम्युनिज्म के ध्वस्त होते आर्थिक मॉडलों के उदाहरण देते हुए कहा कि अब स्वदेशी व्यवस्था का वक़्त आ गया है। ये सेल्फ-रिलायंस का समय है।