कोरोना के प्रकोप से पूरा देश कराह रहा है। बहुत से लोग शहर में बाहर से पढ़ने, कमाने या फिर किसी और काम से आये थे और फंस गए हैं। अनेको के पास रहने, खाने का कोई इंतजाम नहीं है। कई लोग रेस्टोरेंट या ठेले पर बाटी-चोखा, पुड़ी-सब्जी खाकर पेट भरते थे। लॉक डाउन होने के कारण वे भी फस गए है और भूखे सो रहे हैं। शहरी गरीबों की स्थिति तो और भी दयनीय है। जो लोग देहाड़ी मजदूरी करके अपना जीवन यापन करते थे उनके काम धंधे बंद हो जाने के कारण अत्यंत ही दीन हीन अवस्था में Read More
कार्यक्रम सूचनाएं
दिनांक: 10 जून से 25 जून स्थान: ऑनलाइन प्रतिभागी: 9 से 14 वर्ष के बालक-बालिकाएँविभिन्न प्रदेशों से कार्यक्रम का विवरण: 1....
लखनऊ का बड़ा मंगल विश्व में लखनऊ की एक अलग ही पहचान दिलाता है। इस पहचान को परंपरा को आगे बढ़ाने...
दिनांक 25 मई 2024 को ज्येष्ठ के बड़े मंगल के आयोजनों को प्रभावी बनाने हेतु नगर निगम कार्यालय के मुख्य हॉल...
महिलाओं की सहभागिता भंडारों में न केवल एक समुदाय के लिए सोशल जस्टिस की प्रक्रिया है, बल्कि यह उन्हें स्वतंत्रता, स्वावलंबन,...
भंडारा का आयोजन करने के लिए स्थान का चयन सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों, संगठन की योजना और सामाजिक उद्देश्यों के आधार...