भंडारे का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। यह एक धार्मिक अनुष्ठान है जिसमें लोग सामूहिक रूप से भोजन प्रसादी का आयोजन करते हैं और इसे सभी के साथ साझा करते हैं। भंडारे में भोजन करने वाले सभी लोग अपनी सामर्थ्य अनुसार अन्नदान करते हैं, और इसमें किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, अन्नदान को महादान माना गया है, और यह विश्वास है कि जो चीज हम दान करते हैं, परलोक में हमें वही वस्तुएं मिलती हैं। इसलिए, भंडारे के माध्यम से लोग गरीब और जरूरतमंदों को भोजन कराते हैं, जिससे शरीर और आत्मा दोनों को संतुष्टि मिलती है। भंडारे की परंपरा धार्मिक पुण्य की प्राप्ति के लिए और समाज में समरसता और एकता को बढ़ावा देने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
इसके अलावा, भंडारे में विशेष भोजन जैसे ‘रामभाजी’ जिसमें सभी सब्जियों को मिलाकर एक भाजी बनाई जाती है, इसे भी प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है। भंडारे की यह परंपरा न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक महत्व भी रखती है, जो सभी वर्गों के लोगों को एक साथ लाती है और समाज में समानता और भाईचारे का संदेश देती है।