सेवा है यज्ञ कुंड समिधा सम श जले… ध्येय महासागर का सरित बून्द हम बने. इन्ही पंक्तियों को चरितार्थ करती हुई भावना आजकल लखनऊ में देखने को मिल रही है. बड़े मंगल के भंडारों में जहां एक और भक्ति की प्रबल भावना देखी जा सकती है वही दूसरी और कुछ नौजवान सेवा की भावना से ओत प्रोत हो मौन तपस्वी बन कर भण्डारो के पश्चात होने वाली गंदगी को चुपचाप स्वच्छता में परिवर्तित करने का काम कर रहे है. तीसरे बड़े मंगल के अवसर पर रूद्राक्ष वेलफ़ेयर सोसाइटी के सभी कार्यकर्ताओं ने जगह जगह पर पत्तल व प्लास्टिक के गिलास Read More
जेठ के महीने में पडने वाले मंगल, बड़ा मंगल कहलाते हैं। लखनऊ की इस परंपरा में बड़े मंगल पर हनुमान जी की पूजा के साथ भंडारे लगाकर भोजन और जल की व्यवस्था भक्तजनों के लिए किया जाता है। यह परंपरा इतनी लोकप्रिय होती जा रही है कि भंडारों की संख्या में दिन दूनी रात चौगुनी वृद्धि हो रही है। अब मंगल के अतिरिक्त शनिवार को भी भंडारे देखे जा सकते हैं।इसी मंगल भाव का विस्तार करते हुए श्री हरीश श्रीवास्तव जी 18 जून को भंडारे का आयोजन कर रहे हैं। 18 जून का मंगल जेठ के महीने के बाद पड़ Read More