हनूमानजी भगवान शिव के 11वें रुद्र अवतार माने जाते हैं। ऐसा शास्त्रीय साक्ष्य मिलता है और कहा गया है कि इस धरती पर एक कल्प तक हनूमान जी सशरीर रहेंगे। इनकी पूजा और व्रत करने से घर में सुख-शांति का वास होता है और समृद्धि बढ़ती है।
ज्येष्ठ मास के सभी मङ्गलवार को इस प्रकार सैकड़ो वर्षों की मान्यताओं व परम्पराओं से श्रद्धालुओं के लिए लखनऊ की विरासत को सँजोये यहाँ के सम्पन्न व विपन्न हज़ारों लोग जल और भोजन प्रसाद की भव्य व्यवस्था करते चले आ रहे हैं।
२०२० के जेष्ठ मास का अंतिम बड़ा मंगल २ जून को पड़ रहा है। यह अत्यंत ही फलदायीं और मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला है। चतुर्थ और अंतिम बड़ा मंगल जेष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी को को पड़ रहा है जिसमें चंद्रमा कन्या राशि में और नक्षत्र चित्रा होगा । इस अवसर पूर्वाह्न 9:53 तक व्यतिपात योग और इसके पश्चात वरिघ योग है।
इस दिन संकटमोचन भगवान हनूमानजी की पूजा, अर्चना से अद्भुत और आश्चर्यजनक परिणाम मिल सकते हैं जो साधक इस दिन भक्ति- भावपूर्वक पूजा करने के पश्चात् दान पुण्य करता है और भंडारे का आयोजन करता है पूरे वर्ष का फल आश्चर्यजनक मिलता है।