अजूबा ही नहीं, एक तिलिस्म है मानवी शरीर

अपनी अंगुलियों से नापने पर 96 अंगुल लम्बे इस मनुष्य शरीर में जो कुछ है, वह एक बढ़कर एक आश्चर्यजनक एवं रहस्यमय है। हमारी शरीर यात्रा जिस रथ पर सवार होकर चल रही है उसके प्रत्येक अंग-अवयव या कलपुर्जे कितनी विशिष्टतायें अपने अन्दर धारण किये हुए है, इस पर हमने कभी विचार ही नहीं किया। यद्यपि हम बाहर की छोटी-मोटी चीजों को देखकर चकित हो जाते हैं और उनका बढ़ा-चढ़ा मूल्याँकन करते हैं, पर अपनी ओर, अपने छोटे-छोटे कलपुर्जों की महत्ता की ओर कभी ध्यान तक नहीं देते। यदि उस ओर भी कभी दृष्टिपात किया होता तो पता चलता कि Read More