?️?️?️ बड़ा मंगल मंगल होहर दिन बड़ा मंगल हो विकट आपदा काल में मंगलमान अभियान है स्वेद कणों से सींचते माँ भारती अभिमान है घर घर मंगलगान हो कहीं न कोई दंगल हो बड़ा मंगल मंगल हो हर दिन बड़ा मंगल हो सेवा का जो व्रत लिये पूर्ण उसे अब करना है भूखे पेट रहे न कोई संकल्प यही करना है कर्मवीर सब युद्ध लड़ें जंगल में भी मंगल हो बड़ा मंगल मंगल हो हर दिन बड़ा मंगल हो मानवता ही धर्म हो कर्म यही अब करना है विश्व गुरु पहचान बने केसरिया ऊँचा करना है आस लगी अब भोर Read More
‘‘जय हनुमान ज्ञान गुण सागर’’ लाउडस्पीकर पर अमिताभ बच्चन की गायी हुई हनुमान चालीसा बज रही थी। केसरिया रंग के पंडाल के पर्दे हवा से मानो झूम कर नृत्य कर रहे थे। काउन्टर के एक तरफ हनुमान जी की फ्रेम की हुई फोटो, जिस पर माला चढ़ी थी। काउंटर के पीछे कई लोग श्रद्धालुआें को पूड़ी-सब्जी, बूंदी, शरबत व पानी बाँट रहे थे। काउन्टर के दूसरी तरफ़ लगी भीड़ में सब एक दूसरे का ध्यान आकृष्ट कर पहले भोजन पाने की चेष्टा कर रहे थे, जो भोजन पा जाता वह बड़ी मुश्किल से भीड़ के कोने तक निकलकर वहीं पर Read More
मंदिरों में बँटे अब यही प्रसाद, एक पौधा और थोड़ी सी खाद हर मस्जिद से यही अजान, दरख्त लगाए हर इंसान। अब गूंजे गुरूद्वारों में वानी, दे हर बंदा पौधों को पानी। सभी चर्च दें अब ये शिक्षा, पौधारोपण यीशु की इच्छा। “नित हो रहीं हैं सांसें कम! आओ पेड़ लगाऐं हम! पेड़ लगाये जीवन बचायें! यह संदेश जन-जन तक पंहुचाये !
दूसरे मंगल के अवसर D-315, Indira Nagar, Lucknow – 226016 पर भंडारा लगाने वाले श्री राकेश पुरी जी ने अपना मंगल सन्देश इन पंक्तियों के माध्यम से व्यक्त किया है. मेरे दर मंगल भंडारा लागा चलो चलो रे भाई चलो चलो ।प्रसाद जो ले है वही सुहागा चलो चलो रे भाई चलो चलो । श्रद्धा सित दीप जलाया हैकर जोर प्रभू को बुलाया है ।प्रभु राम लखन संग आयेंगे भक्तों की आस पुजायेंगे ।ले अक्षत, रोली, चंदन, धागाचलो चलो रे भाई चलो चलो । हनुमंत भंडारे में आकर देखो प्रभु सम्मुख जोत जलाकर देखो ।भक्तों को पुष्प चढ़ाते देखोहर एक Read More