मैं सक्षम हूं , मैं योग्य हूं ,मैं अवश्य सफल हूंगा , मैं जीतूंगा । मेरे असफल होने से मेरे परिवार , समाज व ईष्ट मित्रों का भी सम्मान घटेगा। इस प्रकार के भाव हमे निरन्तर आत्म शक्तिसंपन्न करते है। *जो होता है होने दो, यह पौरुष हीन कथन है**जो हम चाहेंगे वह होगा, इसमे ही जीवन है* ??*संकल्प*~~~~~ ● आत्म रक्षा > आत्म गौरव ● ● राष्ट्र रक्षा > राष्ट्र गौरव ● *आत्म रक्षा के आवश्यक तत्व*~~~~~~~~~~~~~~~~~आत्मावलोकन ।आत्म चितंन ।आत्म विश्वास । *आत्मावलोकन* — स्वयं की पहचान करना, स्वयं का मूल्यांकन करना, लक्ष्य निर्धारित करना, बाधक तत्वो [ कमियो Read More
कार्यक्रम सूचनाएं
दिनांक: 10 जून से 25 जून स्थान: ऑनलाइन प्रतिभागी: 9 से 14 वर्ष के बालक-बालिकाएँविभिन्न प्रदेशों से कार्यक्रम का विवरण: 1....
लखनऊ का बड़ा मंगल विश्व में लखनऊ की एक अलग ही पहचान दिलाता है। इस पहचान को परंपरा को आगे बढ़ाने...
दिनांक 25 मई 2024 को ज्येष्ठ के बड़े मंगल के आयोजनों को प्रभावी बनाने हेतु नगर निगम कार्यालय के मुख्य हॉल...
महिलाओं की सहभागिता भंडारों में न केवल एक समुदाय के लिए सोशल जस्टिस की प्रक्रिया है, बल्कि यह उन्हें स्वतंत्रता, स्वावलंबन,...
भंडारा का आयोजन करने के लिए स्थान का चयन सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों, संगठन की योजना और सामाजिक उद्देश्यों के आधार...