जेठ के महीने में पडने वाले मंगल, बड़ा मंगल कहलाते हैं। लखनऊ की इस परंपरा में बड़े मंगल पर हनुमान जी की पूजा के साथ भंडारे लगाकर भोजन और जल की व्यवस्था भक्तजनों के लिए किया जाता है। यह परंपरा इतनी लोकप्रिय होती जा रही है कि भंडारों की संख्या में दिन दूनी रात चौगुनी वृद्धि हो रही है।
अब मंगल के अतिरिक्त शनिवार को भी भंडारे देखे जा सकते हैं।
इसी मंगल भाव का विस्तार करते हुए श्री हरीश श्रीवास्तव जी 18 जून को भंडारे का आयोजन कर रहे हैं। 18 जून का मंगल जेठ के महीने के बाद पड़ रहा है। फिर भी उनका कहना है मंगल का भाव यही है कि हर आत्मा तृप्त हो और इसलिए इससे फर्क नहीं पड़ता है कि वह मंगल कौन सा है जिस मंगल को भी इस भाव का प्रकटीकरण होगा वहीं मंगल बड़ा मंगल कहलाएगा।
श्री हरीश श्रीवास्तव जी कृष्णा पल्ली (निकट ट्रांसफार्मर), आलमबाग में अपना भंडारा 18 जून को लगा रहे हैं और सभी भक्तजनों से प्रार्थना कर रहे हैं भंडारे में आकर प्रसाद ग्रहण करें।
मंगलमान अभियान की सराहना करते हुए कहते है कि यह अभियान मंगल का मान बढ़ाने का अभियान है. अगर आस पास के भंडारा आयोजकों में समन्यवय हो जाय तो मंगल का भाव दूसरे दिन भी प्रकट हो सकता है और फिर हर दिन मंगल हो सकता है.