बड़ा मंगल वह दिन है जब भगवान हनुमान की पूजा की जाती है। यह लखनऊ के लिए एक अनोखा त्यौहार है, और हनुमान भक्त इस अवसर पर बजरंगबली की पूजा-अर्चना करते हैं। यह त्यौहार लखनऊ की श्रेष्ठ परंपरा है जो लगभग 400 साल पहले मुगल शासन के दौरान प्रारम्भ हुआ था। जेठ माह के प्रत्येक मंगलवार को भक्त जन इस त्यौहार को बड़े ही धूम धाम उत्साह एवं जोश से मानते है।
लखनऊ में सभी हनुमान मंदिरों में बड़ा मंगल मनाते हैं। लेकिन अलीगंज में हनुमान मंदिर, जहां यह अनुष्ठान शुरू हुआ था, भक्तों के लिए केंद्र बिंदु है। जेठ के महीने में गर्मी अपने चरम पर होती है ओर भक्त जन गर्मी की परवाह ना करते हुए लंबी कतारों में लग कर अपने आराध्य का दर्शन करते है । भक्त जन शहर में जगह जगह भंडारे, लंगर, प्याऊ स्थापित करते है जहाँ से वे सभी को प्रसाद और पानी वितरित करते हैं। आज कल प्रसाद में चोल-चावल, हलवा-पुरी, कचौरी-आलू, जलेबी-खस्ता, कढ़ी-चावल और रस आदि का वितरण किया जा रहा है।
धीरे धीरे इस परंपरा का विस्तार लखनऊ शहर से आगे निकलते हुए अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी हो रहा है. आस पास के जिले यथा उन्नाव, कानपुर, सीतापुर, बाराबंकी, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, राय बरेली, प्रयाग इत्यादि में भी भक्तजन इसमें सम्मिलित हो रहे है. भक्तों को ऐसा लगता है कि भूखे को भोजन और प्यासे को पानी पिलाने से बढ़कर कोई धर्म नहीं है अतः यह परंपरा प्राणी मात्र की सेवा का सर्वोत्तम साधन है. यही कारण है कि सभी मत-पंथ-सम्प्रदाय, जाति-बिरादरी, स्त्री-पुरुष इसमें बढ़ चढ़ कर भाग ले रहे है. युवा वर्ग भी इस परंपरा से जुड़कर अपनी ऊर्जा को बजरंगबली की ऊर्जा से जुड़ा महसुस करता है. जिस प्रकार से बड़े मंगल का कार्यक्रम लोकप्रियता को प्राप्त हो रहा है उससे ऐसा लग रहा है कि शीघ्र ही इसका विस्तार प्रदेश एवं देश के अन्य भागों में भी हो जायेगा।