लखनऊ की श्रेष्ठ परम्पराओ में से एक पावन परंपरा है- ग्रीष्म काल अर्थात ज्येष्ठ के महीने में पड़ने वाले मंगल को लगने वाले भंडारे। जिसमे मानव ही क्या पशु पक्षी सभी की क्षुधा को शांत करने का सामर्थ्य है। लखनऊ वासी इस अवसर पर भंडारा आयोजित करके प्राणी मात्र की सेवा का अवसर पाते है और भगवन हनूमान की कृपा के पात्र बनते है।
मंगल का मान बढ़ाने वाले इन आयोजनों को सामाजिक सरोकारों से जोड़ कर परंपरा को अधिक सुदृढ़, सशक्त, प्रभावी बनाते हुए इसके ध्वजवाहकों को एक सूत्र में पिरो कर बड़े मंगल के मंगल भाव को वैश्विक पटल पर स्थापित करने के लिए वर्ष २०१९ में लखनऊ के अनेको गणमान्य व्यक्तियों के मार्गदर्शन एवं संरक्षण में मंगलमान अभियान को शुभारम्भ किया गया।
मंगलमान पोर्टल इस आयोजन से जुड़े सभी पहलुओं के लिए एक सुलभ प्लेटफॉर्म की तरह है जिसका लोकार्पण लखनऊ की महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया जी के कर कमलों से २०.०५.२०१९ को हुआ। कोई भी आयोजक इस पर आकर अपने आयोजन की जानकारी दे सकता है और इस अभियान से जुड़ सकता है।
अभियान के प्रथम वर्ष में 500 भंडारा आयोजकों को सूचीबद्ध कर अभियान से जोडने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था जिसके सापेक्ष लगभग 650 भंडारा आयोजकों को अभियान से जोड़ा गया। शहर में मंगलमान के माध्यम से भंडारों की स्वच्छता एवं व्यवस्था चर्चा का विषय बना। आयोजकों ने भंडारे का बाद स्वच्छता का वीडियो बना कर भी मंगलमान को भेजा। जन सामान्य ने मंगलमान अभियान को सराहा और इसकी आवश्यकता को समय की मांग बताया। आखिरी मङ्गल आते आते अभियान लखनऊ की सीमाओं से निकलकर आस पास के जिलों तक भी पहुंचा। सभी वर्गों, पंथों, धर्मो के लोग के मध्य यह अभियान एक अनुकरणीय पहल के रूप में स्थापित हुआ और लगा कि मंगलमान अपना मंगल सन्देश पहुचाने में सफल हो रहा है। आदर्श भण्डारा लगाने वालो का महापौर जी के द्वारा सम्मान किया गया और पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता, सेवा जैसे सामाजिक सरोकार से जुड़ कर मङ्गल का मानवर्द्धन करने वाले आयोजकों का सार्वजनिक अभिनन्दन किया गया।
अभियान के दूसरे वर्ष (ई० २०२०) एवं तीसरे वर्ष (ई० २०२१ ) में कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न हुई विशेष परिस्थितियों के चलते ज्येष्ठ के मंगलो का महत्व और भी अधिक बढ़ गया। समय की आवश्यकता हर मंगल को बड़ा मंगल और हर दिन को मंगल करने की रही है। परन्तु लॉकडाउन एवं सोशल डिस्टैन्सिंग के दिशा-निर्देशों के परिपेक्ष्य में परंपरागत स्वरुप में भंडारों का आयोजन अत्यंत ही दुरूह कार्य है। ऐसे में शासन-प्रशासन, आयोजकों-भक्तो एवं परिस्थितियों ध्यान रखते हुए मंगलमान ने आयोजकों के सम्मुख ई-भंडारा का विकल्प प्रस्तावित किया है। इसका पूरा विवरण वेबसाइट पर उपलब्ध है। आयोजकों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होता है । उनके द्वारा प्रदान किया गया प्रसाद मंगलमान के सेवाभावी कार्यकर्ताओ एवं नगर निगम के सहयोग से जरूरतमंद लोगो के मध्य वितरित करा दिया जाता है । इससे जहां एक ओर आयोजकों को संतोष और सुख प्राप्त होगा वही दूसरी ओर प्रसाद ग्रहण कर कोटिशः आत्माये तृप्त होंगी।
२०२२ अभियान अपने चौथे वर्ष में प्रवेश कर रहा है। कोरोना का प्रकोप भी थोड़ा कम हो रहा है। ऐसे में प्रभु ऐसी शक्ति दे कि पिछले दो वर्षो से बड़ा मंगल के उत्साह में आयी कमी इस वर्ष दूर हो और लोग उल्लसित होकर अपने भंडारे के संकल्प को पूर्ण कर सके। कोरोना ने तो स्वच्छता के महत्व को समझा ही दिया है। अतः स्वच्छता और पवित्रता के साथ खूब भंडारे लगे ऐसी कामना है।
मंगलमान, इस अभियान को और गति देते हुए अधिक से अधिक लोगों को इस अभियान से जोडने के लिए संकल्पित है। आइये हम उन सभी भक्त जननायको का सम्मान करे जो मंगलपूर्ण कार्य को विस्तार दे रहे है। अपने अपने सामर्थ्य का उपयोग कर इस मंगलकार्य को नयी उचाईयों पर ले चले और अपनी पुण्य परंपरा को पुरे विश्व में विस्तार दे।
संक्षेप में कहे तो….
हर दिन मङ्गल हो, हर मङ्गल बड़ा मङ्गल हो, बड़ा मङ्गल से राष्ट्र मङ्गल हो ……….. मङ्गल ही मङ्गल हो
मंगलमान … अर्थात …… मङ्गल भाववर्धन का अभियान (Be Good — Do Good)