स्वच्छ, स्वस्थ एवं सुरक्षित शहर हर लखनऊवासी का सपना है। इसी ताने बाने जो बुनने के लिए वर्ष 2019 में बजरंग बली की प्रेरणा, अनेक गनमान्य जनों का आशीर्वाद, लखनऊ महापौर के संरक्षण एवं अनेकानेक लोगो के सहयोग से डॉ राम कुमार के संयोजकत्व में मंगलमान अभियान प्रारम्भ किया गया। यह अभियान बड़े मंगल के आयोजकों को एक सूत्र में पिरो कर बड़े मंगल के पवित्र भाव को पूरे विश्व में स्थापित करने का है। भंडारा आयोजकों को प्रोत्साहन, अच्छे भंडार लगाने वालों का महापौर जी द्वारा सार्वजनिक अभिनंदन इस लक्ष्य की दिशा में उठाया गया कदम है।
जो आयोजक अपने कार्यक्रमो की जानकारी मंगलमान पोर्टल पर देते है, नगर निगम की ओर से उस स्थल पर स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता रहा है। आयोजक स्वयं भी साफ-सफाई के फोटो एवं वीडियो बना कर मंगलमान को भेजते है जिन्हें पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। अनेक संस्थाओं ने भी बड़े मंगल पर स्वच्छता को अपना मिशन बनाया है। यह भाव परिवर्तन ही मंगलमान का उद्देश्य है। अभियान अपने प्रथम वर्ष में ही लगभग 650 आयोजको को अपना संदेश पहुचाने में सफल रहा।
दूसरा वर्ष कोरोना काल का रहा जब बड़ा मंगल का आयोजन लाक डाउन के कारण संभव नहीं हो रहा था। ऐसे में भंडारा आयोजकों को ई भंडारे के माध्यम से एक विकल्प उपलब्ध कराना एक अभिनव प्रयोग रहा है। जिसका उपयोग कर अनेक आयोजकों ने अपने संकल्प को पूरा किया है। इसके माध्यम से सेवा बस्तियो, झुग्गी झोपड़ियों, जरूरातमंदो, प्रवासी बन्धुओ के मध्य प्रसाद का विरतण होता है। ऐसे समय में जब सबकुछ बंद था ई भंडारे ने लीगो को अपने संकल्प को पूर्ण करने का अवसर दिया वही अपने सामाजिक दायित्वों के निर्वहन का रास्ता भी।
पूरे वर्ष भर प्रत्येक मंगल को प्रसाद के रूप में आयुर्वेदिक काढ़े का वितरण लखनऊ के विभिन्न स्थानों पर किया जाता रहा है। साथ ही इन ई भंडारों के माध्यम से इस भाव के जागरण का कार्य भी संपन्न होता रहा है कि भंडारों पर स्वच्छता और पवित्रता रखनी है, पर्यावरण को नुकसान पहुचाने वाली वस्तुओं का उपयोग नही करना है, अन्न-जल की बर्बादी रोकनी है और अपने भंडारों को सामाजिक सरोकार से जोड़ना है।
कोरोना की दूसरी लहर के काल में यह महती आवश्यकता रही है कि लोग अधिक से अधिक जागरूक किए जाएं। स्वास्थ्य सेवाओं पर अत्यधिक बोझ है और डॉक्टर का मिलना उनसे बातचीत करना बहुत ही मुश्किल है ऐसे में कोविड-19 हेल्पिंग हैंड्स के रूप में मंगलमान अभियान के अंतर्गत इंटरएक्टिव सेशन का आयोजन जून प्लेटफार्म पर किया जा रहा है। इन सत्रों के माध्यम से लोगों को कोरोनावायरस से बचाव, उपचार और चिकित्सकीय परामर्श प्राप्त हो रहा है। इन सत्रों में लखनऊ के जाने-माने चिकित्सक पूर्व सीएमओ डॉ नरेंद्र अग्रवाल केजीएमयू से डॉ वेद प्रकाश डॉ सूर्यकांत संजय गांधी पीजीआई से डॉ निर्मल गुप्ता डॉक्टर डॉ गौरव त्रिपाठी केजीएमयू से डॉक्टर श्वेता श्रीवास्तव डॉ प्रभात कुमार , बाल चिकित्सक डॉ अतुल रस्तोगी, डॉ सुधीर श्रीवास्तव आदि की सहभागिता रही है। कार्यक्रम में जागरूकता के साथ-साथ लोगों की समस्याओं का और शंकाओं का समाधान भी डॉक्टर के द्वारा किया जाता है। इस कार्यक्रम में अनेको संवैचारिक संगठनो सेवा भारती अवध प्रांत विश्व संवाद केंद्र लखनऊ आरोग्य भारती एवं नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन का सहयोग प्राप्त हो रहा है। कार्यक्रम जूम के साथ-साथ विश्व संवाद केंद्र facebook पेज पर लाइव भी होता है जिसे अभी तक हजारों लोगों तक इस जागरुकता को पहुंचाया जा सका है ।
कोविड-19 हेल्पिंग हैंड के सभी सत्रों की रिकॉर्डिंग मंगलमान व्वेबसाइट पर उपलब्ध है। साथ ही एक हेल्प डेस्क भी उपलब्ध है जहां पर कोविड-19 सम्बंधित जानकारी एवं संसाधनों की उपलब्धता आदि का विवरण दिया जा रहा है ताकि सही और सटीक जानकारी लोगो तक पहुचाई जा सके। साथ ही एक ऑक्सीजन बैंक भी बनाया जा रहा है जो वक्त बेवक्त जरूरतमंदों के काम आ सके।
मंगल भाव बढ़ाने के क्रम में महती आवश्यकता है सामान सोच के सकारात्मक व्यक्तियों एवं संस्थाओ के मध्य समन्यवय। परन्तु समन्यवय के लिए प्रारंभिक शर्त है संपर्क एवं संवाद। इसी को ध्यान में रखते हुए अभियान के अंतर्गत मंगल संवाद का आयोजन अनेकानेक विषयो पर समय समय पर किया जा रहा है। आम तौर पर यह संवाद ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर किया जा रहा है जिससे दूर दर्ज के लोग भी आसानी से जुड़ सके और अपने विचार रख सके। नशा मुक्ति, पर्यावरण संरक्षण, रोजगार, मतदाता जागरूकता आदि विषयो पर 50 से भी अधिक मंगल संवाद के कार्यक्रम हो चुके है जिसमे सैकड़ो लोगो की सहभागिता हुई है। साथ ही हजारो लोग इसके लाइव एवं रिकार्डेड सेशन से भी लाभान्वित हुए है। प्रोजेक्ट सार्थक के अंतर्गत घरों से निरर्थक वस्तुओं को इकट्ठा कर अभावग्रस्त जरूरतमंद लोगों के मध्य वितरित किया जा रहा है जिससे बस्तुओं की सार्थकता तो होती ही है अपने समय, श्रम और संसाधन की सार्थकता भी होती है।
मंगलमान अभियान प्रेरित प्रोजेक्ट सार्थक के अंतर्गत घरों से निरर्थक वस्तुओं को इकट्ठा कर अभावग्रस्त जरूरतमंद लोगों के मध्य वितरित किया जा रहा है जिससे बस्तुओं की सार्थकता तो होती ही है अपने समय, श्रम और संसाधन की सार्थकता भी होती है। उल्लेखनीय बात है कि सार्थक का सारा कार्य स्कूल /कॉलेज लेवल के विद्यार्थियों के द्वारा संचालित है
सामान्यतया यह संज्ञान में आता है कि ना चाहते हुए भी लोग खंडित मूर्तियों, देवी – देवताओं के चित्रों को इधर उधर सड़क पर या फिर किसी पेड़ के नीचे रख देते हैं। इससे आस्था का परिहास तो होता ही है पर्यावरण को भी नुकसान होता है। इस सबको देखते हुए मंगलमान के अंतर्गत ई-विसर्जन का विचार अस्तित्व में आया। मंगल सेवको ने इस समस्या के समाधान की दिशा में समन्यवित प्रयास करने का बीड़ा उठाया। एक ऐसा मॉडल विकसित करने का प्रयास हो रहा है जो आसानी से कही पर भी लागु किया जा सके। इसे लखनऊ से प्रारम्भ किया गया है। ई-विसर्जन अर्थात एनवायर्नमेंटल फ्रेंडली विसर्जन अभियान के अंतर्गत शहर में विशिष्ट मदिरों अथवा संग्रह केन्द्रो का चयन किया जा रहा है। लोगों से इन्हीं चयनित स्थानों पर खण्डित /पुरानी मूर्ति इत्यादि रखने की अपील की जाती है। तत्पश्चात अभियान के सुसज्जित वाहनों से भक्तिमय वातावरण में इनका पर्यावरण अनुकूल विसर्जन किया जा रहा है। साथ ही लोगों को गाय के गोबर, मिट्टी, धातु और टिश्यू पेपर से बनी मूर्तियों के प्रयोग के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है। अमृत महोत्सव के परिपेक्ष में शहर में ऐसे 75 केंद्र बनाये गए जिनके माध्यम से सवा लाख से अधिक प्रतिमाओं का ससम्मान विसर्जन किया गया। अगले वर्ष मंगलमान संग्रह केन्द्रो की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता प्रतीत हुई जिसे दोगुना करने का विचार आया। 2023 में संग्रह 151 संग्रह केंद्र बनाये गए है। साथ ही वर्ष भर अनेक अवसरों पर यह आवश्यकता प्रतीत हो रही है जिसके लिए अभियान को नव्य रूप दिया जा रहा है। अनेक शहरो के भाई बहन भी इस मॉडल को अपनाने को उत्सुक है और संपर्क कर रहे है जो अभियान की सफलता का द्योतक है।
मंगल भाव बढ़ाने के लिए शिक्षा और स्वावलंबन के प्रोजेक्ट पाइपलाइन में है जो यथा शीघ्र अस्तित्व में आ जायेंगे।
हर दिन मंगल हो, हर मंगल बड़ा मंगल हो, बड़ा मंगल से राष्ट्र मंगल हो। इसी भाव के अंतर्गत
धीरे-धीरे यह अभियान मंगल भक्तों को एक माला में पिरो रहा है और लखनऊ की इस परंपरा को पूरे प्रदेश ही नहीं पूरे देश और फिर पूरे विश्व में विस्तार देने के लिए कटिबद्ध है। आइए आप भी मंगल भाववर्धन की इस मंगल कार्य में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें।
जय बजरंग बली, जय श्री राम
भारत माता की जय