महिलाओं की सहभागिता भंडारों में न केवल एक समुदाय के लिए सोशल जस्टिस की प्रक्रिया है, बल्कि यह उन्हें स्वतंत्रता, स्वावलंबन, और आत्म-सम्मान की भावना प्राप्त करने में मदद करता है। इसके माध्यम से, हम सामाजिक परिवर्तन और महिला सशक्तिकरण की प्रक्रिया को गहराई से समझ सकते हैं। महत्वपूर्ण कदम: समाज की समृद्धि: महिलाओं की सहभागिता भंडारों में समाज की समृद्धि और सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से, महिलाएं समाज में अपनी आवाज को सुनाती हैं और समुदाय के निर्णायक प्रक्रियाओं में भाग लेती हैं। यह उन्हें अपने अधिकारों को समझने और संरक्षित करने Read More
भंडारा का आयोजन करने के लिए स्थान का चयन सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों, संगठन की योजना और सामाजिक उद्देश्यों के आधार पर किया जाता है। यहां कुछ महत्वपूर्ण स्थानों की चर्चा की जा सकती है: 1. समुदाय केंद्र:भंडारा को समुदाय के केंद्र में आयोजित किया जा सकता है, जैसे मंदिर, गुरुद्वारा, चर्च, या मस्जिद। यहां परिसर में प्रदान की गई जगह और संगठन की सुविधाओं का उपयोग किया जा सकता है। 2. सामुदायिक हॉल या सभागार:सामुदायिक हॉल या सभागार भंडारा का आयोजन करने के लिए एक अन्य उपयुक्त स्थान हो सकता है। यहां बड़े समूहों को समाहित किया जा सकता Read More
माँ भारती है महाशक्ति, अनुष्ठान करना होगालोकतंत्र का पर्व आ रहा, धर्म प्रण धरना होगाइतिहास रचा था जो हमने अयोध्या धाम सजाने मेंवही इतिहास रचना होगा लोकतंत्र बचाने मेंमाँ भारती है महाशक्ति…. विशाल लोकतंत्र के हम प्रहरी, पहचान हमारी लोकशक्तिलोकतंत्र का मूलमंत्र है, लोकशक्ति का संबलराम लला की प्राण प्रतिष्ठा, लोकशक्ति का संबल थालोकशक्ति के संबल को और प्रबल करना होगामाँ भारती है महाशक्ति…. लोकतंत्र का पावन मंदिर विधि विधान से बनवायालोकतंत्र के देवी की प्राण प्रतिष्ठा बाकी हैलोकतंत्र के इसी पर्व में लोक जागरण करना होगाबहुत हो चूका आलस्यबाजी सबको अब जगना होगामाँ भारती है महाशक्ति…. लोकशक्ति के बलबूते Read More
भंडारा का आयोजन करना एक सामाजिक, धार्मिक, और मानवीय उपक्रम है जो सामुदायिक एकता, सेवा, और सहयोग की भावना को प्रकट करता है। इस उत्सव को संचालित करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए: 1. समुदाय की आवश्यकताओं का विश्लेषण:भंडारा का आयोजन करने से पहले समुदाय की आवश्यकताओं और संगठन की क्षमताओं का विश्लेषण करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे आयोजक समझ सकता है कि किस प्रकार की सेवाएं और सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए। 2. समय संबंधी व्यवस्था:भंडारा का समय और तारीख का चयन करते समय समाज की सामूहिक उपस्थिति का ध्यान रखना चाहिए। समुदाय के सभी Read More
भंडारा का सामाजिक महत्व: भंडारा का आयोजन एक सामाजिक उत्सव के रूप में किया जाता है जिसमें विभिन्न समुदायों के लोग एक साथ आकर भोजन करते हैं। यह समाज की एकता, सहयोग, और सामर्थ्य को बढ़ावा देता है। सामाजिक समर्थन, प्रेम, और सहयोग का एहसास कराने के साथ-साथ, यह अपने समुदाय के सदस्यों को एक-दूसरे के साथ अधिक जुड़ने का माध्यम भी प्रदान करता है। सेवा और समर्पण: भंडारा का आयोजन करने से एक व्यक्ति सेवा और समर्पण की भावना को प्रकट करता है। यह अपने समाज के सदस्यों के लिए एक उपहार की भाँति होता है, जिससे उनका भला Read More
जी हां, यह एक गहरा और महत्वपूर्ण धारणा है। “भगवान भाव के भूखे होते हैं, वस्तु के नहीं” यह अर्थात् यह कि भगवान को हमारे मन में और हमारे भावनाओं में रूचि होती है, न कि उन्हें चीजों की आवश्यकता होती है। इसका एक उदाहरण है कथा में जो कहती है कि एक बार एक योगी ने ध्यान के दौरान भगवान से प्रार्थना की कि वह उनकी भक्ति को प्रसन्न करें और उन्हें अपने साकार रूप में दर्शन दें। भगवान ने उनकी प्रार्थना सुनी और उन्हें अपने दरबार में बुलाया। योगी ने अपनी भक्ति के साथ दरबार में प्रवेश किया, Read More
दिनांक 23.11.2023 दिन बृहस्पतिवार को श्री गणेश गौरी शंकर मंदिर ट्रस्ट की तरफ से गणेश विहार कॉलोनी में श्री गणेश गौरी शंकर मंदिर निर्माण हेतु भूमि पूजन का कार्यक्रम भली भांति संपन्न हुआ! इस कार्यक्रम में गणेशविहार कॉलोनी कल्याणपुर शंकर पूर्व वार्ड प्रथमके स्थानीय निवासियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। उन सभी के मन में मंदिर निर्माण की बात सुनकर बहुत ही हर्ष व उत्साह था. सभी उपस्थित लोगों ने यज्ञ में आहुति डाली व आरती की तथा ईश्वर से मंदिर जल्दी निर्माण होने की प्रार्थना की. यज्ञ में उपस्थित समस्त भक्त जनों का कोटि-कोटि नमन! आपकी उपस्थिति व सहयोगी Read More
श्री हनुमान चालीसाShri Hanuman Chalisa॥ दोहा / Stanza ॥ श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि ।बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥ Shri guru charan saroj raj neej manu mukur sudhari ।Baranu raghubar bimal jasu jo dayaku phal chari ॥ बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमार ।बल बुधि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार ॥ Buddhi heen tanu janike sumero pavan kumar ।Bal buddhi bidya deu mohi harau kales bikar ॥॥ चौपाई / Quatrain ॥॥०१॥जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ Jai Hanuman gyan gun sagar ।Jai kapis tihu lok ujagar ॥ ॥०२॥राम Read More
1.पहला लाभ—–: मंदिर जाना इसलिए जरूरी है कि वहां जाकर आप यह सिद्ध करते हैं कि आप देव शक्तियों में विश्वास रखते हैं तो देव शक्तियां भी आपमें विश्वास रखेंगी। यदि आप नहीं जाते हैं तो आप कैसे व्यक्त करेंगे की आप परमेश्वर या देवताओं की तरफ है.? यदि आप देवताओं की ओर देखेंगे तो देवता भी आपकी ओर देखेंगे। और यह भाव मंदिर में देवताओं के समक्ष जाने से ही आते हैं। 2.दूसरा लाभ—–: अच्छे मनोभाव से जाने वाले की सभी तरह की समस्याएं प्रतिदिन मंदिर जाने से समाप्त हो जाती है। मंदिर जाते रहने से मन में दृढ़ Read More
सद्भाव ~ समाज मे~~~~क्या इतना बड़ा विषय है कि ❓❓सद्भाव किससे ❓❓विद्वानों का मत है कि न्याय करने से अधिक न्याय होते दिखना चाहिए ??सद्भाव किनके बीच पहली प्राथमिकता ❓❓❓सद्भाव के आवश्यक तत्व ❓ भारतीय समाज में अनेक आभासी विरोधाभास भी विविधतायें भी।क्या ये सद्भाव केवल विभिन्न पंथो के मध्य या हमारे समाज मे स्वतः स्फुटित जातियो के मध्य। हमको प्राथमिकता तय करना होगा। या सभी के बीच।तो पहल कहां से ❓❓राष्ट्रीय आवश्यकता तो अनुभव मे आता है, कि राष्ट्र तो समविचार , समसांस्कृतिक व समव्यावहार से निर्मित भूभाग होता है तो पुनः वही प्रश्न , कि हमारी प्राथमिकता ? Read More