मंगलमान अभियान अंतर्गत
पर्यावरण अनुकूल विसर्जन पर नवयुग कन्या महाविद्यालय में आयोजित संगोष्ठी में खंडित और पुरानी मूर्तियों को दीपावली के पश्चात् ससम्मान विसर्जन का संकल्प लिया गया।
दीपावली के बाद सड़कों, पेड़ो के नीचे यहां वहां लोग मूर्तियां रख देते है जिससे आस्था का उपहास तो होता ही है साथ ही पर्यावरण की क्षति भी होती है। इसको ध्यान में रखते हुये जन जागरण का कार्य मगलमान द्वारा चलाया जा रहा है। मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए मंगल सेवक व्यापारी नेता संदीप बंसल ने सभी से आग्रह किया कि अपने यहां पूजित मूर्तियों को मंगलमान अभियान के अंतर्गत
निर्धारित केंद्रों पर आप पहुचा कर उनका मान करे। एकत्रित प्रतिमाओं को वहां से ले जाकर पर्यावरण अनुकूल विसर्जन का कार्य अभियान के कार्यकर्ता करेंगे।
शहर के लगभग सभी मुहल्लों में किसी प्रमुख मंदिर या पार्क को संग्रह केंद्र बनाया गया है। ऐसे 151 केंद्र बनाए जा रहे है। हम सभी आस पास यह जागरण करेंगे कि अमुक स्थान पर ही मूर्तियों को रखे।
निर्धारित स्थानों पर प्रतिमाएं एकत्रित हो जाने के बाद अभियान की ओर से सुसज्जित वाहन भक्ति पूर्ण भाव के साथ वहां से उन्हें उठाकर सामूहिक सम्मान विसर्जन के लिए ले जाया जाएगा। अंत में उन्होंने उपस्थित जन से मूर्तियो के मान का संकल्प दिलवाया।
उन्होंने अभियान के संयोजक प्रो0 राम कुमार तिवारी को इस बात के लिए धन्यवाद दिया इस प्रकार के जन जागरण के अभियान से लखनऊ मैं स्वच्छता और पवित्रता का नया अध्याय लिखा जाएगा।
डॉ कीर्ति नेहा ने मंगलमान के प्रारम्भ से अभी तक की यात्रा पर प्रकाश डाला और कहा कि मंगलमान एक विचार है जो हम सबको अपनाना है हम सभी का लक्ष्य ऐसा होना चाहिए जिससे समाज में मंगल भाव बढे। मूर्ति विसर्जन और पर्यावरण संरक्षण भी उसी का एक अंग है। उन्होंने नगर निगम द्वारा प्राप्त सहयोग पर आभार जताया।
संस्कार भारती के उत्तर प्रदेश इकाई के पूर्व अध्यक्ष एवं सुप्रसिद्ध वास्तुकार तथा मंगलमान अध्यक्ष इंजिनियर गणेश ताम्रकार जी की गरिमामयी उपस्थिति में वक्ताओं ने ई विसर्जन कार्यक्रम की रूप रेखा रखी।
यह आग्रह किया गया कि लोग अपने-अपने क्षेत्रों में जहां मूर्तियां मंगलमान केंद्रों पर इकट्ठी करे। जिससे उन क्षेत्रों से मूर्तियों को इकट्ठा कर उनका सामूहिक विसर्जन कराया जा सके। जो लोग व्यक्तिगत या समिति के स्तर पर यह कार्य पहले से करते रहे हैं वह भी इस अभियान से जुड़े। अधिक जानकारी के लिए 9415755950 पर संपर्क कर सकते हैं।
सिंधी अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष नानक चंद लखमानी ने विश्वास व्यक्त किया कि जिन देवी देवताओं के प्रतिमाओं की पूजा वर्ष भर करते हैं उनका मान करेंगे तो यह हमारा मान भी होगा।
प्रशांत भाटिया ने कहा कि पूरी दुनिया आज भारत की ओर देख रही है अतः भारत को अपने सनातन मूल्य के साथ मजबूती से खड़े होने की जरूरत है यही मंगलमान है।
कॉलेज की प्राचार्य प्रोफेसर मंजुला उपाध्याय ने कहा कि यह विषय मातृशक्ति के हृदय के अत्यंत करीब है और यह हर्ष का विषय है कि आज हम इस पर चर्चा कर रहे हैं उन्होंने छात्राओं शिक्षकों को आवाहन किया कि वह अपने घरों में इसकी चर्चा करें और लखनऊ ई विसर्जन का एक ऐसा मॉडल बने जो सबके लिए अनुकरणीय हो।
प्रोफेसर मनोज पांडे लुआक्ता अध्यक्ष द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया।
इस अवसर पर मंगलमान इंटर्नशिप प्रोग्राम का विवरण श्री पंकज मिश्रा द्वारा दिया गया और इसके अंतर्गत चयनित विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
ट्रांस गोमती प्रमुख हनुमंत जी ने बताया कि इस क्षेत्र में 100 मंगलमान केंद्र बनाये जाने का लक्ष्य है जिसमे 60 बन चुके है। मंगलमान संग्रह केंद्रों की जानकारी मंगलमान की वेबसाइट www.mangalman.in पर उपलब्ध है इसे 9415755950 अपना नाम व पता व्हाट्सएप कर भी मंगाया जा सकता है।
श्री धर्मेंद्र अवस्थी ने दक्षिण भाग में 40 केंद्रों के बनाये जाने की जानकारी दी।उन्होंने व्यापारियों से आग्रह किया कि मूर्तियों के लिए बाई बैक स्किम चलाने पर विचार करे।
श्री रूपेश अग्रवाल ने कहा कि विसर्जन की व्यवस्था के साथ ही इको फ्रेंडली मूर्तियो को अपनाने पर जोर दिया जा रहा है जिनका विसर्जन घर में ही किया जा सके।
इस अवसर पर लखनऊ के अनेको समाजसेवी, मंगलमान संग्रह केंद्रों के प्रमुख, शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
उपस्थित रहने वालों में रिपन कंसल, सुरेश छाबलानी, मुकेश अग्रवाल, राजीव अग्रवाल, सुजीत साहू, श्रीमती पूनम तिवारी, विजय लक्ष्मी सिंह, सुरेंद्र सिंह, सत्यव्रत पांडेय, विवेक राय चौधरी, प्रदीप दीक्षित, त्रिभुवन शुक्ल, अनंत प्रकाश श्रीवास्तव, प्रदीप तिवारी, आलोक दीक्षित, दर्पण लखमानी, अजय वाजपेयी, उमेश चांदना, डॉ वंदना, डॉ नेहा अग्रवाल, डॉ आलोक कृष्ण, विजय त्रिपाठी, ओम प्रकाश चौरसिया, विजय धाकरे, आलोक गुप्ता प्रमुख रहे।