मंगलवार, दिनांक 4 मई 2021 को “मंगलमान अभियान” एवं सेवा भारती, लखनऊ महानगर के संयुक्त तत्वावधान में “कोविड-19 हेल्पिंग हैंड्स” का तीसरा इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किया गया। आज के इस सत्र के मुख्य वक्ता के रूप में किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ के रेजिडेंट डॉ प्रभात कुमार एवं पी एच सी आशियाना की अधीक्षिका डॉ शैली गुप्ता ने लोगों के साथ अपने विचार साझा किए।
कार्यक्रम का शुभारंभ कोऑर्डिनेटर डॉ राम कुमार तिवारी द्वारा वर्तमान परिस्थितियों की चर्चा करते हुए इस कार्यक्रम के महत्व को बताते हुए हुआ। उन्होंने बताया कि सभी की मंगल की कामना से प्रत्येक मंगलवार को डॉक्टर्स के साथ इंटरैक्टिव सेशन का आयोजन किया जा रहा है जिस कड़ी में यह तीसरा प्रयास है। इसके साथ ही कोरोना से जंग जीते योढ्यो का फीडबैक कार्यक्रम भी ऑनलाइन आयोजित किया जा रहा है जिससे एक दूसरे का अनुभव प्राप्त किया जा सके। कार्यक्रम का संचालन संयुक्त रूप से श्री अनूप बी मिश्रा एवं श्री पंकज मिश्रा द्वारा किया गया।
सर्वप्रथम डॉ प्रभात कुमार पांडे ने कोविड-19 वायरस के संदर्भ में अपने विशिष्ट विचार साझा किए। उन्होंने अपने संगठन एनएमओ के बारे में लोगों को बताया जो कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का आनुषांगिक संगठन है, एनएमओ की कार्यप्रणाली एवं उसके द्वारा किए जाने वाले सराहनीय कार्यों से भी उनके द्वारा अवगत कराया गया। डॉ प्रभात ने कोविड-19 की दूसरी लहर के बारे में बताते हुए कहा कि वायरस का यह स्वरूप पिछले वर्ष के स्वरूप से काफी अलग है। उन्होंने कहा कोविड सार्स वायरस का यह न्यूटन स्ट्रेन है क्योंकि यह एक आरएनए वायरस है इसलिए इसकी सभी चीजें परिवर्तित होती रहती हैं। इस वायरस की यह विशेषता है कि यह बड़ी तेजी से फैलता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह वायरस एयर और वाटर बोर्न नहीं है तथा यह जीवो से भी नहीं फैलता, यह केवल इंसानों से इंसानों के माध्यम से ही फैलता है। यदि कोई संक्रमित व्यक्ति बात करता है, छीकता है, खांसता है तभी यह वायरस फैलेगा। इस वायरस से बचने के लिए अपने सुझाव देते हुए डॉ प्रभात ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों के दृष्टिगत हम सभी को डबल मास्क को वरीयता देनी चाहिए हमारी जीवनशैली ऐसी हो कि स्वयं से मिलने वाले प्रत्येक व्यक्ति को संक्रमित मान कर उसके साथ व्यवहार करें। हम अपना चेहरा बार-बार अपने हाथों से ना छुएं, हाथ धोने में सिक्स स्टेप का पालन करें इसके साथ मास्क का विशेष महत्त्व भी उनके द्वारा बताया गया। विटामिन सी के युक्त पदार्थों के सेवन को प्राथमिकता देने की बात उनके द्वारा कही गई। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोग आलोचना करते हैं कि सरकार कोरोना के मुद्दे पर फेल हो गई लेकिन मेरी निजी राय है कि परिस्थितियों के दृष्टिगत जैसे समाज फेल हो गया! आज इस संकट काल में लोगों ने संसाधनों पर कब्जा जमाना शुरू कर दिया है जिसकी किसी भी प्रकार की कोई आवश्यकता नहीं है। डॉ प्रभात ने सिटी स्कैन को बहुत ज्यादा प्रोत्साहित न करने की बात कही। इस संदर्भ में उन्होंने एम्स नई दिल्ली के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया के बयान का समर्थन किया कि एक सीटी स्कैन 300 एक्सरे के बराबर होता है, इसलिए सीटी स्कैन वही रोगी कराएं जिसे विशेषज्ञ परामर्श दें। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि इस समय किसी भी व्यक्ति को होने वाले बुखार को हमें कोविड-19 वायरस संक्रमण मानकर की इलाज करना चाहिए।
डॉ शैली गुप्ता ने अपने विशिष्ट वक्तव्य में बताया कि इस बार का वायरस बच्चों को ज्यादा प्रभावित कर रहा है जबकि पिछली बार के वायरस में यह प्रवृत्ति नहीं थी। उन्होंने संक्रमित व्यक्ति के इलाज के लिए स्टेरॉयड का विशेष महत्व बताया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग शुगर के पेशेंट हैं उन्हें स्टेरॉयड लेने में डॉक्टर का परामर्श अवश्य लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि इस समय सभी को हॉस्पिटल मिलना मुश्किल है ऐसे में यदि हम सतर्कता के साथ किसी विशेषज्ञ की देखरेख में घर पर ही इलाज करें तो इस संक्रमण से आसानी से मुक्त हुआ जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हम सभी को “कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर” अपनाने की विशेष आवश्यकता है। हम बाहर से आने वाले सामान के साथ विशेष सतर्कता बरतें, ऑनलाइन डिलीवरी के माध्यम से आने वाले सामान का उपयोग बिना सेनीटाइज किए ना करें। यदि हम सभी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए व्यवहार करेंगे तो निश्चित रूप से संक्रमण की दर को न्यूनतम कर सकते हैं।
इस दौरान दोनों विशेषज्ञों ने वेबीनार में प्रतिभाग कर रहे लोगों के प्रश्नों पर भी अपने विचार दिए। पोस्ट कोविड समस्याओं पर सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने लोगों को दवाइयां भी सुझाई। वैक्सीन के प्रश्न पर उत्तर देते हुए डॉ प्रभात ने कहा की हम सभी को वैक्सीन अवश्य लगवानी चाहिए यही इससे बचाव का प्रमुख अस्त्र होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के लगभग 4000 वैरीअंट हैं, किसी भी वैक्सीन में यह क्षमता नहीं है कि इन सभी वेरिएंट से निपट पाए। लेकिन हम सभी वैक्सीनेशन करा कर स्वयं को सुरक्षित रखने का प्रयास अवश्य करें।
आज का यह सत्र विशेष लाभकारी रहा इसके माध्यम से समाज के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े हुए लोगों ने कोरोना वायरस संक्रमण के संदर्भ में अपनी जिज्ञासाओं का वैज्ञानिक समाधान प्राप्त किया गया। यह कार्यक्रम ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जूम पर आयोजित किया गया इसका लाइव टेलीकास्ट विश्व संवाद केंद्र के अवध प्रांत के फेसबुक पेज एवं मंगलमान अभियान के यूट्यूब चैनल पर भी किया गया। कार्यक्रम में अनेक गणमान्य उपस्थित रहे जिसमे स् विभाग कार्यवाह ब्रजेश, सेवा प्रमुख अनिल जैन, प्रान्त प्रचार प्रमुख दिवाकर, श्री नरेंद्र जी आदि रहे।
साभार – डॉ मंजुल त्रिवेदी