मंगलमान अभियान की मूल में निहित राष्ट्र मंगल की भावना इस अभियान को सतत प्रेरणा एवं ऊर्जा प्रदान करती है। कोरोना काल में जहां सामान्य जनजीवन लगभग थम सा गया है, वही इस महामारी ने जन सामान्य के मनोबल को बहुत बुरी तरह प्रभावित किया है। कोरोना के मरीजों की विस्फोटक रूप से बढ़ती संख्या के कारण स्वास्थ्य सेवाएं अत्यंत दबाव में है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया जैसे मंच पर चल रही अधिकांश नकारात्मक सूचनाओं ने जन सामान्य में और अधिक डर एवं भय का माहौल निर्मित किया है। उक्त नकारात्मक स्थितियों के बीच मंगलमान अभियान ने डर तथा भय के बीच कोरोना महामारी का सामना कर रहे लोगों को चिकित्सकीय एवं मनोवैज्ञानिक परामर्श उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एक सकारात्मक पहल की शुरुआत की है। इस पहल को “COVID-19 Helping Hands” के नाम के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। इसी क्रम में दिनांक 27 अप्रैल 2021, दिन मंगलवार को श्री हनुमान जन्मोत्सव के पावन अवसर पर शाम 4:00 बजे से द्वितीय इंटरएक्टिव सेशन आयोजन का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से किया गया। इस कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञ के रूप में किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की ओर से डॉ0 श्वेता श्रीवास्तव एवं डॉ0 सौरभ श्रीवास्तव ने परामर्श प्रदान किया।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ0 रामकुमार तिवारी ने सर्वप्रथम विषय विशेषज्ञों एवं कार्यक्रम सहभागियों को श्री हनुमान जन्मोत्सव की शुभकामनाएं प्रेषित कर प्रार्थना की कि हनुमान जी सभी प्रभावित लोगों को संजीवनी रूपी कृपा से आरोग्य एवं बल प्रदान करें। इसके उपरांत डॉक्टर श्वेता श्रीवास्तव से वर्तमान परिस्थितियों एवं कोरोना की स्थिति पर प्रकाश डालने का आग्रह किया गया।
डॉ0 श्वेता श्रीवास्तव ने बताया कि कोविड-19 की दूसरी लहर पहली लहर की अपेक्षा ज्यादा तेज और गंभीर संक्रमण पैदा करने वाली है। म्यूटेशन के कारण यह वायरस पहले से ज्यादा संक्रामक और घातक हो गया है। यह वायरस सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर रहा है फिर चाहे वह बच्चा, नवयुवक अथवा बुजुर्ग हो। कई तरह के म्युटेंट वायरस संक्रमण का कारण बन रहे हैं। अब यह वायरस 60% अधिक मामलों में एंटीजन एवं आरटी-पीसीआर जांच को चकमा दे रहा है। इस स्थिति में मरीज निश्चिंत हो जाता है, कि उसे कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं है। यह स्थिति न केवल मरीज बल्कि उसके परिवार एवं स्वजनों के लिए घातक हो जाती है। यह स्थिति संक्रमण को फैलाने में बड़ी भूमिका निभा रही है। यही कारण है कि अब घर के सभी सदस्य यहां तक की पूरे के पूरे गली-मोहल्ले संक्रमित निकल रहे हैं।
विषय विशेषज्ञ डॉ0 सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि म्युटेंट वायरस से संक्रमित लोगों में कई नई तरह की लक्षण भी देखे जा रहे हैं। सामान्य तौर पर बुखार, गले की खराश, जुखाम, बदन दर्द, सर दर्द, स्वाद और गंध का न मिलना जैसे लक्षणों के अतिरिक्त बहुत से मरीजों में आंखों का लाल होना, चेहरे पर जलन, मुंह में छाले होना, डायरिया जैसे लक्षण भी देखे जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि यदि किसी व्यक्ति में उक्त लक्षणों में से कोई भी लक्षण दिखाई देता है तो सर्वप्रथम उस व्यक्ति को स्वयं को आइसोलेट कर लेना चाहिए, जिससे संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके। प्रभावित व्यक्ति को तथा घर के अन्य सदस्यों को दोहरे फेस मास्क का प्रयोग करना चाहिए। मास्क प्रयोग में नाक एवं मुंह पूरी तरह से ढके हो। साथ ही बिना देर किए हुए (चाहे जांच हुई हो अथवा नहीं) कोरोना से संबंधित दवाओं का प्रयोग आरंभ कर देना चाहिए। महामारी के इस दौर में हर तरह के बुखार को कोविड-19 मानकर ट्रीट किया जाना चाहिए, यह नितांत आवश्यक है। यह देखने में आ रहा है कि जिन मरीजों ने ने संक्रमण की आरंभिक दिनों में लापरवाही की है उन मरीजों में कोरोना फेफड़ों के गंभीर संक्रमण के रूप में देखा जा रहा है। जो मौत का सबसे बड़ा कारण बन रहा है। फेफड़ों में गंभीर संक्रमण होने पर शरीर में ऑक्सीजन की कमी होना सामान्य हो जाता है। ऐसे मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट, आईसीयू एवं वेंटिलेटर सपोर्ट की आवश्यकता पड़ती है। इसके बावजूद भी मरीज के बचने की संभावना काफी कम होती है।
डॉ0 श्वेता श्रीवास्तव ने कहा कि संक्रमित व्यक्ति के शरीर में कोरोना वायरस की सुनामी को रोकने के लिए शुरुआती 4 से 5 दिन अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। यदि इस समय मरीज को सही उपचार मिल जाए तो होने वाली मौतों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। साथ ही व्यक्ति बिना अस्पताल जाए घर पर ही ठीक हो सकता है।
दोनों विशेषज्ञ इस बात पर सहमत थी थे कि कोविड-19 प्रोटोकॉल के अंतर्गत दी जाने वाली दवाइयों के साथ स्टेरॉइड देने पर मरीज बहुत जल्दी रिकवर होकर पूर्ण स्वस्थ हो रहे हैं। यह यह स्टेरॉइड ओरल अथवा इनहेलर के रूप में आवश्यकतानुसार लिए जा सकते हैं। स्टेरॉयड की मात्रा चिकित्सक के परामर्श एवं मरीज की स्थिति के अनुसार लिया जाना आवश्यक है। ऑनलाइन कार्यक्रम में 100 से अधिक सहभागीयो ने भाग लिया। इस ऑनलाइन कार्यक्रम का लाइव प्रसारण विश्व संवाद केंद्र के फेसबुक पेज पर किया गया। इस कार्यक्रम के सफलतापूर्वक आयोजन में सेवा भारती जैसे संगठन की महत्वपूर्ण भूमिका रही। कार्यक्रम के अंत में विषय विशेषज्ञों एवं प्रतिभागियों को श्री पंकज मिश्रा द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया ।
सहभागीयो द्वारा बहुत से प्रश्न पूछे गए। विशेषज्ञों द्वारा प्रश्नों का समुचित उत्तर दिया गया। पूछे गए कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर निम्नवत है –
प्रश्न – पिछले 10 दिन से बुखार आ रहा है, कोविड-19 के अंतर्गत दी जाने वाली दवाइयां ले चुके हैं लेकिन बुखार में आराम नहीं है।
उत्तर – आपको तत्काल चिकित्सकीय परामर्श की आवश्यकता है। कुछ अतिरिक्त दबाएं एवं स्टेरॉइड लेने पर 4 से 5 दिन में आराम मिल जाएगा।
प्रश्न – शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए क्या करें?
उत्तर – दैनिक भोजन में अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन करें जैसे नारियल पानी, मौसमी का जूस, संतरे का जूस, ताजे फल आदि। शरीर को पूरी तरह हाइड्रेट रखने के लिए गुनगुना पानी खूब पिए। दिन में एक या दो बार आयुर्वेदिक काढ़ा प्रयोग करना चाहिए। हल्दी वाला दूध एवं 10 से 15 मिनट सुबह की धूप इम्यूनिटी बूस्टर का काम करती है। प्राणायाम शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में अत्यंत कारगर है। दिन में कुछ समय अनुलोम-विलोम, भस्त्रिका, सिंहासन जैसे प्राणायाम करने से करने से फेफड़ों की इलास्टिसिटी बढ़ती है, साथ ही ऑक्सीजन लेबल भी सुधरता है।
प्रश्न – ऑक्सीजन लेवल कम होने पर क्या करें ?
उत्तर – सामान्यतः spo2 (ऑक्सीजन लेवल) 100% से 94% होता है। यदि ऑक्सीजन का लेवल 94% से कम हो जाए तो अतिरिक्त ध्यान देने की आवश्यकता होती है। पेट के बल लेटकर गहरी गहरी सांस भरने से ऑक्सीजन लेवल सुधरता है। यह प्रक्रिया नेचुरल वेंटिलेटर का कार्य करती है। यदि फिर भी ऑक्सीजन का स्तर नहीं सुधरता है और यह 90% या उसके नीचे आ जाता है तो मरीज को तत्काल हॉस्पिटलाइज किया जाना आवश्यक है।
प्रश्न – कोविड-19 पॉजिटिव व्यक्ति स्वस्थ होने के कितने दिन बाद वैक्सीन की डोज ले सकता है, साथ ही यदि कोई व्यक्ति वैक्सीन की पहली डोज लगने के बाद कोरोना संक्रमित हो गया है स्वस्थ होने के कितने दिन बाद वैक्सीन की दूसरी डोज ली जा सकती है।
उत्तर – वैक्सीन की पहली अथवा दूसरी डोज कोविड-19 नेगेटिव होने के 6 से 8 सप्ताह बाद ली जा सकती है।
प्रश्न – भाप कितनी बार ली जानी चाहिए और यह कितना कारगर है।
उत्तर – आरंभिक शोध में देखा गया है कि कोरोना वायरस नाक के अंदर स्थित साइनस की म्यूकस में ग्रो करता है। भाप लेने से शुरुआती संक्रमण को बहुत हद तक सीमित किया जा सकता है। दिन में 3 से 4 बार भाप लेना अच्छा रहेगा।
प्रश्न – सूखी खांसी आ रही है क्या करें?
उत्तर – दिन में तीन से चार बार भाप लें। गुनगुने पानी में सेंधा नमक वह हल्दी डालकर गरारे करें। यदि खांसी ज्यादा हो रही है तो इनहेलर के रूप में स्टेरॉयड लिया जाना चाहिए, साथ ही कफ सिरप का प्रयोग भी किया जा सकता है।
प्रश्न – कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर क्या करें?
उत्तर – सबसे पहले स्वयं को आइसोलेट करें। कोविड-19 एप्रोप्रियेट एप्रोच अपनाएं। डरे नहीं स्वयं को सकारात्मक रखें। आरंभिक सावधानी और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने पर जोर दें। कोरोना के लक्षण आने पर यथाशीघ्र दवाइयां शुरू करें। आप देखेंगे कि कुछ ही दिन में पूर्ण स्वस्थ हो चुके होंगे।