ई-भंडारे का आयोजन अत्यंत ही सरल है जिसे आप आसानी से कर सकते है। ई-भंडारा के माध्यम से कम श्रम, शक्ति, संसाधन लगाकर अत्यधिक पर्यावरण केंद्रित, सामाजिक सरोकार से युक्त, प्रभावी भंडारे का आयोजन किया जा सकता है।
इसके बारे में आपके मन मष्तिष्क में उठाने वाले प्रश्नो के उत्तर देने का यहां यथोचित प्रयास किया गया है।
ई-भण्डारा क्या है?
ई-भंडारा परंपरागत रूप से लगाए जाने वाले भण्डारो का संवर्धित स्वरुप है। यहां ई-भंडारा का अर्थ है- Easy, Economic, Environmental friendly, Electronically empowered, Effective Bhandara .
ई-भण्डारा सेवा क्या है?
भंडारा लगाने के इच्छुक व्यक्तियों, समूहों एवं संस्थाओ को ई- भण्डारा लगाने में सहयोग प्रदान करना ही इस सेवा का उद्देश्य है। इसके माध्यम से कम श्रम, शक्ति, संसाधन लगाकर अत्यधिक पर्यावरण केंद्रित, सामाजिक सरोकार से युक्त, प्रभावी भंडारे का आयोजन किया जा सकता है।
यह सेवा किसके द्वारा संचालित की जा रही है?
इस सेवा का सञ्चालन मंगलमान अभियान के अंतर्गत किया जा रहा है। मंगल भाववर्धन का अभियान ही मंगलमान है। यह लखनऊ की बड़े मंगल की श्रेष्ठ परंपरा को विश्व फलक पर प्रतिष्ठापित करने का अभियान है। हर दिन मंगल हो, हर मंगल बड़ा मंगल हो, बड़ा मंगल से राष्ट्र मंगल हो – यही हमारा भाव है ।
इसके लिए क्या शुल्क देना होगा?
नहीं। यह सेवा पूर्णतः निःशुल्क है। नर रूपी नारायण की सेवा से प्राप्त होने वाला सुख और आनंद ही हमारा पुरस्कार है।
सेवा का शुल्क क्यों नहीं लिया जा रहा है?
जिस प्रकार आप अपनी श्रम, शक्ति, संसाधन से भंडारा लगाकर परम सुख का अनुभव करते है, उसी प्रकार हमारी अनुभूति आपको अपनी सेवाएं प्रदान कर होती है।
मंगलमान अभियान से कैसे जुड़ सकते है?
इस अभियान से जुड़ना अत्यंत ही सरल है। वेबसाइट पर उपलब्ध लिंक के माध्यम से अपना विवरण हमें भेजने का कष्ट करे।
हम इस सेवा का लाभ किस प्रकार ले सकते है?
ई-भंडारे का आयोजन अत्यंत ही सरल है जिसे आप आसानी से कर सकते है। इसके लिए सर्वप्रथम ई -भंडारा आयोजन का संकल्प करते हुये पंजीकरण करना होगा।
पंजीकरण किस प्रकार किया जा सकता है?
ई-भण्डारा पंजीकरण के लिए लिंक वेबसाइट पर उपलब्ध है। इसे ऑनलाइन फॉर्म भर कर अथवा दिए गए नंबर पर फोन /व्हाट्सप्प के माध्यम से किया जा सकता है। आयोजन की तिथि से कम से कम ३ दिन पूर्व में पंजीकरण आवश्यक है।
प्रसाद किस प्रकार से लोगो तक पहुचाया जाता है?
पूजा पाठ और भगवान् का भोग लगाने के पश्चात् प्रसाद का वितरण सेवाभावी कार्यकर्ताओ के माध्यम से किया जाता है।
क्या भंडार आयोजक भी प्रसाद प्राप्त कर सकता है?
हाँ, आयोजक को प्रसाद अवश्य प्राप्त करना चाहिए।
क्या प्रसाद का वितरण हमारे द्वारा बताए स्थान पर हो सकता है?
हमारे सेवाव्रती कार्यकर्ताओ से इस बारे में विमर्श किया जा सकता है। कोविड- १९ संक्रमण के कारण कुछ स्थानों पर जाना संभव नहीं हो सकता।
प्रसाद हेतु क्या क्या दिया जा सकता है?
सामान्यतयः बड़ा मंगल के भंडारे में कच्चा तथा पका दोनों प्रकार के प्रसाद देने की परंपरा रही है। परन्तु आज की परिस्थिति को देखते हुए कच्चे राशन यथा लइया -चना, सूखे मेवे, बूँदी, मीठी पूड़ी, बिस्कुट, फल, आयुर्वेदिक काढ़ा का वितरण प्रसाद के रूप में ज्यादा सुविधाजनक रहेगा। साथ ही, सेनिटाइज़र, गमछा, स्कार्फ, नौनिहालों के लिए दूध, दवाइयां आदि का वितरण भी किया जा सकता है।
हमारे पास बनवाने की व्यवस्था है। क्या हमारे द्वारा निर्मित प्रसाद का वितरण कराया जा सकता है?
इस सेवा के अंतर्गत केवल कार्यकर्ताओ की देख रेख में निर्मित प्रसाद का वितरण ही किया जा सकता है।
प्रसाद कहाँ पर बनाया जायेगा?
प्रसाद का निर्माण स्वच्छता एवं पवित्रता से परिपूर्ण सामुदायिक रसोई केन्द्रो पर किया जाता है। एवं इसका वितरण नगर निगम से समन्यवय करके किया जाता है।
भंडारे के आयोजन पर कितना खर्च होगा?
भंडारे का आयोजन आप अपनी श्रद्धा, शक्ति, समर्पण के अनुरूप कर सकते है। सामान्यतयः प्रति व्यक्ति पके प्रसाद पर २१ रूपये तक का खर्च आता है। जैसे- १०० व्यक्तियों के भंडारे पर (१०० x २१ => २१०० /- ) इक्कीस सौ रूपये का समर्पण करना होगा। इसी प्रकार आप जितनी संख्या का भंडारा करना चाहते है उसे २१ से गुणा करने से अपेक्षित राशि प्राप्त हो जाएगी।
कच्चे प्रसाद में क्या क्या हो सकता है?
कच्चे प्रसाद में आमतौर पर चना-गुड़ , लइया ,मूँगफली दाना, चुड़ा, सूखे मेवे, दलिया, बिस्किट, चॉकलेट आदि पैक्ड सामग्री का वितरण किया जा सकता है।
प्रसाद में कच्चा पदार्थ (राशन) अथवा अन्य सामाग्री वितरित करने का क्या खर्च होगा?
यह प्रसाद की मात्रा और आईटम पर निर्भर करेगा। इसमें होने वाले व्यय हेतु आप अपने ई-भंडारा कोऑर्डिनेटर से मंत्रणा कर सकते है।
ई-भंडारा कोऑर्डिनेटर कौन है और इनसे संपर्क कैसे किया जाये?
आपके द्वारा ई-भंडारा का अनुरोध प्राप्त होते ही मंगलमान की और से एक सेवाभावी कार्यकर्त्ता आपके साथ जुड़ जायेगा जिसे ई-भंडारा कोऑर्डिनेटर कहते है। इसकी भूमिका कदम दर कदम सहयोगी की होगी जो आपके साथ मिलकर ई-भंडारे के सफल आयोजन को सुनिश्चित करेगा।
हमारा ग्रुप एक भंडारा लगाना चाहता है। क्या ग्रुप के सभी सदस्यों को अलग अलग रजिस्ट्रेशन कराना होगा?
ग्रुप द्वारा भंडारा करने की स्थिति में केवल ग्रुप का रजिस्ट्रेशन कराना ठीक रहेगा। सदस्यों के अलग से रजिस्ट्रेशन की कोई आवश्यकता नहीं रहेगी।
भंडारे हेतु सामग्री हम स्वयं देना चाहते है। क्या यह संभव है?
भंडारे हेतु सामाग्री आप स्वयं उपलब्ध करा सकते है। बस ध्यान रखे कि आयोजन की तिथि से कम से कम दो दिन पूर्व इसकी उपलब्धता सुनिश्चित हो जाये।
क्या ई-भण्डारा की पूरी व्यवस्था देखी जा सकती है?
ई-भण्डारा आयोजन की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी एवं ऑनलाइन है। आप प्रसाद बनने, भगवान को भोग लगाने एवं वितरण तक की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन देख सकते है। अपने घर पर रहते हुए ही पूजा-अर्चना में भाग ले सकते है और आवश्यकता पर स्वयंसेवको से आवश्यक संवाद कर सकते है।
संतुष्टि फॉर्म क्या है?
भंडारे के आयोजन के पश्चात् एक फॉर्म भरने की आपसे प्रार्थना की जाती है। जिससे भंडारा आयोजन के उद्देश्यों की सफलता एवं संतुष्टि के स्तर का पता चल सके।
क्या संतुष्टि फॉर्म भरना आवश्यक है?
हमारी प्रार्थना है कि आप इसे अवश्य भरे और अपने साथ सहभागी मित्रों -बंधुओ से भी भरवाए। इससे हमे सेवा कार्य की गुणवत्ता को संवर्धित करने का सुअवसर एवं आपका मार्ग दर्शन प्राप्त होगा।
कितने लोगो तक का भंडारा कर सकते है?
यह आपकी श्रद्धा, शक्ति, सामर्थ्य, संकल्प पर निर्भर करता है। हम अपने संसाधनों की स्कैलिंग प्रतिदिन १ लाख भक्तों के सेवा की कर रहे है।
क्या यह सेवा बड़ा मंगल के दिन ही प्राप्त होगी?
हमारा उद्देश्य प्रत्येक दिन को मंगल एवं प्रत्येक मंगल को बड़ा मंगल बनाने का है। ज्येष्ठ के प्रत्येक दिवस को बड़े मंगल का भाव प्रकट किया जा सकता है। पके हुए प्रसाद के लिए यह सेवा सभी बड़े मङ्गलो को उपलब्ध होगी। परन्तु, कच्चा प्रसाद कभी भी वितरित किया जा सकता है।
क्या ई-भण्डारा में हम मुख्य अतिथि को आमंत्रित कर सकते है?
अवश्य! आप अपने भंडारे के लिंक के माध्यम से अपने मुख्य अतिथि को आमंत्रित कर सकते है।
मैं विदेश में रहता हूँ। मै कैसे इस सेवा से जुड़ सकता हूं?
ई- भंडारे से जुड़ने के लिए दूरियों का कोई महत्व नहीं है। आप कही से भी ई-भंडारा आयोजक बन सकते है।
उपरोक्त पश्नोत्तरी के द्वारा ई-भण्डारा के सन्दर्भ में आपके जिज्ञासा का समाधान करने का यथासंभव प्रयास किया गया है।
अत्यधिक जानकारी के लिए संपर्क सूत्र-
डॉ राम कुमार तिवारी, संयोजक, मंगलमान अभियान
फोन/ व्हाट्सप्प नंबर 9415755950,