लखनऊ में भण्डारा लगाने वालो के लिए जेठ का महीना विशेष महत्व रखता है। इस महीने में श्री हनुमान जी के प्रति श्रृद्धा और भक्ति भाव से सड़को पर हजारो-हजार भण्डारे प्रत्येक मंगलवार में लगाये जाते। आयोजनकर्ताओ द्वारा श्री हनुमान जी की पूजा-पाठ करने के बाद भोग लगाया जाता और फिर भण्डारे में प्रसाद का वितरण होता है। इन भण्डारो के बारे में यह आस्था है कि जिन भक्तों के साल भर सारे कार्य मंगलमय होते] वे मानते है कि सारे कार्य श्री हनुमान जी की कृपा से सफल हुए। इसी भाव से जेठ के महीने में प्रत्येक मंगलवार को भक्तो द्वारा भण्डारो का आयोजन होता हैं। पूड़ी-सब्जी, कढ़ी-चावल, छोला-चावल, मीठे बतासे-पानी, बूँदी-पानी और शरबत के प्रसाद का वितरण आजकल काफी लोकप्रिय हो गया है। इस प्रकार से पिछले एक दशक से लखनऊ की सड़को पर इन भण्डारो की संख्या हजारो में पहॅुच चुकी है। अधिकांश भण्डारो पर कूडे़दान की व्यवस्था न होने से इन आयोजन स्थलों पर गन्दगी फैल जाती है। ऐसी अव्यवस्था को लेकर लखनऊ में “मंगलमान” समित का गठन किया गया। जिसकी वेबसाइट mangalman.in है। वेबसाइट के आयोजक डा0 रामकुमार तिवारी मानते है कि डा0 हरमेsश सिंह चौहान राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय एकता मिशन ने मेरा ध्यान भण्डारो की स्वच्छता की ओर आकर्षित कराया था। उन्ही की प्रेरणा से “मंगलमान” समिति का गठन किया गया। “मंगलमान” समिति ने लखनऊ की महापौर डा0 संयुक्ता भाटिया के कर कमलो के माध्यम से mangalman.in वेबसाइट का उदघाटन 20 मई 2019 को कराया था। डा॰ भाटिया का आश्वासन है कि समिति की सूचनाओ के आधार पर स्वच्छता को लेकर नगर निगम विशेष ध्यान देगा। वेबसाइट के माध्यम से पहले मंगल यानी 21 मई को आयोजित होने वाले भण्डारो का रजिस्ट्रेशन शुभारम्भ हुआ। 20 मई 2019 को 80 भण्डारा आयोजको ने वेबसाइट पर अपना निशुल्क रजिस्ट्रेशन कराया था। यह सच है कि मंगल का मान रखने के लिए प्रत्येक भण्डारे स्थल पर स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए। यह धार्मिक आस्थाओ से जुड़ा कार्यक्रम है। जिसकी पवित्रता और स्वच्छता बनाये रखना ही हम सबका परम कर्तव्य है। प्रसाद ग्रहण करने के बाद जो जूठे दोने-पत्तल होते है उनमें प्रसाद लगा रहता। जो किसी के पैरो के नीचे नही जाना चाहिए। यह श्रृद्धा और आस्था का प्रसाद है। इसका सम्मान रखना ही हमारे मंगल का मंगलमान होगा। इसलिए जूठे दोने-पत्तलो को एक कूड़ेदान में रखें। माना यह जाता है कि प्रसाद का अनादर करना ठीक नही होता] इससे जीवन में अमंगलमय घटनायें घटती है। इसलिए प्रसाद ग्रहण करने वालो से जाने-अनजाने यह गलती न हो और उनका जीवन मंगलमय रहे। अत: भण्डारा आयोजको को यह ध्यान देना होगा कि जूठे गिलास, दोने-पत्तल सड़को पर न फैले उन्हें कूड़ेदान में ही डलवाने की व्यवस्था भी करें, आपके भंडारे का यह सर्वोत्त्म कार्य है। जिसके लिए एक भण्डारे पर कम से कम पाँच जगहो पर सांकेतिक दफ्ती बोर्ड लगे हो और इन पर लिखा होना चाहिए कि अपने जूठे दोने-पत्तल और गिलास कूड़े दान में डाले। जिससे प्रसाद ग्रहण करने वाला कूड़ेदान का प्रयोग जरूर करेगा। यदि वह ऐसा न करे तो उससे सम्मान पूर्वक आग्रह करना चाहिए कि वह कूड़ेदान का प्रयोग करे। मंगल को लगने वाले भंडारे पूर्ण स्वच्छ रहें। इसे निर्देश नहीं एक मिशन बनाए तभी जेठ के महीने के प्रत्येक मंगल को लगाने वाले भंडारे का पुण्य मिलेगा। ऐसे विचारो से बनी वेबसाइट mangalman.in पर अपना रजिस्ट्रेशन करा देना चाहिए, यह निशुल्क है। वेबसाइट पर “हम से जुड़ें” की बटन को क्लिक करें और एक फार्म आयेगा, उसे भरकर सबमिट करे। इस प्रकार से वेबसाइट पर आपका रजिस्ट्रेशन हो जायेगा और “मंगलमान” समिति के सदस्य आपसे भविष्य में मिलेंगे। आपके इस प्रयास से भण्डारा स्थल पर स्वच्छता के साथ-साथ शहर में सामाजिक समरसता को भी बढ़ावा मिलेगा।